अभी हाल ही में लेबनान की राजधानी बेरूत में इजरायल की तरफ से किये गए हमले में चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई। इजरायल की तरफ से इसे अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। इससे पहले पेजर और वाकी-टॉकी में हुए धमाकों में भी कई हिजबुल्लाह लड़ाकों की मौत हो गई थी। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मिसाइल अटैक में मारने के बाद अब इजरायली सेना ने व्यापक रूप से जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के तहत IDF ने ग्राउंड ऑपरेशन चलाते हुए हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर करीब 33 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक सड़क पर कई लोग मौजूद हैं और उनके बीच झड़प होती हुई दिखाई दे रही है। झड़प के दौरान कई मोटर साइकिल सवार उस जगह से इधर उधर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह की मौत के बाद अब लेबनान में शिया-सुन्नी के बीच दंगे शुरू हो गए हैं। वीडियो इस कैप्शन के साथ वायरल है….

लेबनान में शिया सुन्नी दंगा शुरू हो गया....सुन्नी मुसलमान अब...शिया मुसलमानो को, जो हिज्बबुलाह के समर्थक है उनको मार मार कर, अपने इलाके से भगा रहे हैं.....*इजरायल के हमलों से, बहुत से समीकरण बदल रहे हैं

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वीडियो से कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें लेबनान के एक मीडिया आउटलेट Saida TV के फेसबुक (आर्काइव) अकाउंट से 7 मई 2018 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। हमने देखा कि इस वीडियो में वायरल वीडियो वाले कई दृश्य मौजूद थे। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया था,आयशा बक्कर में फ्यूचर और हिजबुल्लाह समर्थकों के बीच झड़प।

मिली जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने से हमें MTV नाम की एक (आर्काइव) वेबसाइट पर भी वायरल वीडियो से मिलते दृश्यों वाला वीडियो 7 मई 2018 को अपलोड किया हुआ मिला। इसके साथ टेक्स्ट में लिखा था कि आयशा बक्कर में उस वक्त झड़प हो गई, जब हिजबुल्लाह के झंडे लिए हुए 200 से ज्यादा मोटर साइकिल सवार सलीम सलेम टनल से रास इ नबेह और आयशा बक्कर होते हुए अकराफिह की तरह बढ़ रहे थे।

खोज में आगे बढ़ते हुए हमने एक न्यूज वेबसाइट पर इससे जुड़ी रिपोर्ट 8 मई 2018 में प्रकाशित देखी। जिसके अनुसार 7 मई 2018 की शाम को लेबनान के संसदीय चुनाव परिणाम सामने आने आए थें। फिर राजधानी बेरुत में हिजबुल्लाह और अमल मूवमेंट के समर्थकों और फ्यूचर मूवमेंट के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी। फ्यूचर मूवमेंट ने एक बयान जारी कर इसकी निंदा भी की थी। बयान में कहा गया था कि हिजबुल्लाह समर्थकों ने बेरूत के आयशा बक्कर इलाके में सरेआम गोलीबारी की और पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की मूर्ति पर भी हमला किया। उस हमले के बाद तत्कालीन सरकार ने 72 घंटों तक डाउनटाउन इलाके में मोटर साइकिल चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही तनाव वाले इलाके में आर्मी भी तैनात कर दी थी।

थोड़ा और सर्च करने से हमें इसी वीडियो को लेकर स्काई न्यूज अरेबिया की तरफ से 8 मई 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित मिली। इसमें बताया गया था कि संसदीय चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद बेरूत के कई इलाकों में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। चुनावों में हिजबुल्लाह और लेबनान के एक अन्य राजनैतिक दल अमल मूवमेंट के गठबंधन को फायदा होते दिख रहा था, जिसके बाद इस गठबंधन के समर्थकों ने सड़कों पर बवाल करना शुरू कर दिया था।

साथ ही नाहरनेट नाम की एक और अरबी मीडिया (आर्काइव) आउटलेट द्वारा समाचार रिपोर्ट में वायरल वीडियो के बारे में यहीं जानकारी दी गई है कि अमल मूवमेंट के नेता व स्पीकर नबीह बेर्री ने भी बयान जारी कर इस झड़प की निंदा की थी और कहा था कि हम राजधानी बेरूत की कुछ सड़कों पर हुए घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसके दौरान कुछ गुंडों ने अमल मूवमेंट और हिजबुल्लाह की उपलब्धियों को नुकसान पहुंचाया।

इस प्रकार से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो हाल का नहीं, बल्कि करीब 6 वर्ष पूर्व का है।

निष्कर्ष

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो हाल का नहीं, बल्कि करीब 6 साल पहले का है इसका अभी चल रहे लेबनान के हालात से कोई संबंध नहीं है।

Claim Review :   वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह के मारे जाने के बाद लेबनान में शिया-सुन्नी दंगे की शुरुआत हो गई।
Claimed By :  Social Media User
Fact Check :  MISLEADING