
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे प्रयागराज के महाकुंभ का बतायाकर शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो में लोगों को भगवा रंग के कपड़े और सिर पर केसरिया रंग का साफा पहने हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो महाकुंभ का है ,जहां मुसलमानों का आतंक फैला हुआ है।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- इनको कपड़ों से पहचानो और इनको आतंकवादी की उपाधि दो ।महाकुंभ में मुसलमान का जाना बैन ।।महाकुंभ में मुसलमान को ठेला लगाना बैन ।।अगर यहां एक भी मुसलमान होता तो गोदी मीडिया इसे आतंकवादी हमला घोषित कर देती ।।अब इन्हे नारंगी आतंकी कहां जाए या कटवा..?!
अनुसंधान से पता चलता है कि….
पड़ताल की शुरुआत में हमें वायरल वीडियो पर अंग्रेजी में बग्वाल 2024 लिखा हुआ मिला। इसे ध्यान में रखते हुए हमने आगे की खोज शुरू की।
आगे हमने वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट लिए। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें एक यूट्यूब चैनल पर मिला। 20 अगस्त 2024 को प्रकाशित इस वीडियो में जानकारी दी गई है कि ये वीडियो देवीधुरा बग्वाल मेला का है।
मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की सर्च करने पर वायरल वीडियो का लंबा वर्जन हमें यहां और यहां पर मिला। 19 अगस्त को यूट्यूब चैनल ‘रैबार उत्तराखण्ड देवभूमि’ पर भी इस मेले का वीडियो दूसरे एंगल से अपलोड किया गया है। इसे भी बाराही मन्दिर देवीधुरा का बताया गया है। निम्न में वीडियो देखें।
क्या है बग्वाल मेला-
जांच में आगे बग्वाल मेले के बारे में जानकारी लेने के लिए हमने अलग अलग की-वर्ड के साथ सर्च करना शुरु किया। परिणाम में हमें ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट मिली। प्रकाशित खबर के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी 16 अगस्त को उत्तराखंड के देवीधुरा में प्रसिद्ध बग्वाल मेले की शुरुआत हुई। जिसका उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ देवीधुरा बग्वाल मेले का परंपरा मनाया गया।
हमने इस परंपरा के बारे में अधिक जानने के लिए उत्तराखंड के पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट जांच किया। जिसमें देवीधुरा बग्वाल मेले के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। चंपावत जिले में रक्षा बंधन के दौरान हर साल आयोजित किया जाता है। यह आयोजन देवी बराही के देवीधुरा मंदिर में होता है। इस मेले में चार कबीले एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं, यह पौराणिक कथाओं से जुड़ी एक रस्म है जो देवी के लिए एक प्राचीन मानव बलि परंपरा के प्रतिस्थापन का प्रतीक है।
श्रावण के महीने में होने वाले इस समारोह के दौरान प्रतिभागी लकड़ी की ढालों से खुद को बचाते हैं, जिन्हें फर्रा कहा जाता है। इस जश्न के वीडियो को निम्न में देखा जा सकता है।
निष्कर्ष– तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, वायरल वीडियो का प्रयागराज के महाकुंभ से कोई संबंध नहीं है। उत्तराखंड के देवीधुरा मेले में पत्थरबाजी के त्यौहार बग्वाल की तस्वीर सांप्रदायिक दावों के साथ साझा की जा रही है।

Title:उत्तराखंड का पुराना वीडियो प्रयागराज महाकुंभ के झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल…
Fact Check By: Sarita SamalResult: False
