दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल ने अमित मिश्रा (सत्यापित ट्विटर हैंडल) द्वारा किये गए ट्वीट के साथ एक वीडियो डालकर दोबारा ट्वीट किया जिसमें दिखाया गया कि BJP के नेता को सड़क पर जनता द्वारा ट्रैश किया जा रहा है ।
Tweet Text:
“मोदी सरकार को चार साल पूरे हो गए हैं लेकिन जनता को इन चार साल में जो मिला उसका जनता स्थानीय BJP नेताओं को दे रही है। मोहल्ले में जब जनता के बीच BJP के नेता पहुंचे तो उसके बाद क्या हुआ, इस वीडियो में देखिए.”
मोदी सरकार को चार साल पूरे हो गए हैं लेकिन जनता को इन चार साल में जो मिला उसका जवाब जनता स्थानीय BJP नेताओं को दे रही है।
मोहल्ले में जब जनता के बीच BJP के नेता पहुंचे तो उसके बाद क्या हुआ, इस वीडियो में देखिए..
मोदी सरकार को चार साल पूरे हो गए हैं लेकिन जनता को इन चार साल में जो मिला उसका जवाब जनता स्थानीय BJP नेताओं को दे रही है।
मोहल्ले में जब जनता के बीच BJP के नेता पहुंचे तो उसके बाद क्या हुआ, इस वीडियो में देखिए..👇 pic.twitter.com/El7AY2yEx7
— Amit Mishra (@Amitjanhit) May 26, 2018
हमारी छानबीन के अनुसार, जैसा निहित है यह वीडियो दिल्ली से/का नहीं था और हाल ही का वीडियो नहीं था।
5 अक्टूबर 2017 को, न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ ने अपनी वेबसाइट पर इस वीडियो को अपलोड किया था ।
दार्जिलिंग में अपनी मीटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल के BJP प्रमुख दिलीप घोष पर अज्ञात युवाओं द्वारा कथित रूप से हमला किया गया हमारी छानबीन के अनुसार, जैसा निहित है यह वीडियो दिल्ली से/का नहीं था और हाल ही का वीडियो नहीं था। 5 अक्टूबर 2017 को, न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ ने अपनी वेबसाइट पर इस वीडियो को अपलोड किया था ।
BJP West Bengal chief Dilip Ghosh allegedly attacked in Darjeeling by unidentified youth while holding a meeting pic.twitter.com/yJifNCOzSf
— TIMES NOW (@TimesNow) October 5, 2017
और, 5 अक्टूबर 2017 को, टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह रिपोर्ट की –
“कोलकाता: BJP के पश्चिम बंगाल यूनिट प्रमुख दिलीप घोष को गुरुवार को निष्कासित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के नेता बिनय तमांग के समर्थकों द्वारा कथित रूप से बीच में रोका गया, जिन्होंने सैफ्रन पार्टी के नेताओं को शांति और स्थिरता को भंग किये बिना दार्जिलिंग छोड़ने की चेतावनी दी।
यह घटना घोष, के पहाड़ी इलाकों की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, अलग-अलग राज्य करने की मांग पर अशांति पैदा होने के बाद हुई।
जब घोष दार्जिलिंग में पहुंचे तब तमांग के समर्थकों ने घोष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, घोष ने वह पहाड़ी इलाकों में परेशानियों/समस्याओं को बढ़ावा देने के लिए आये थे इन आरोपों को खारिज कर दिया। खड़गपुर के विधायक ने तमांग को “गद्दार” कहा।
बिनय तमांग के समर्थकों ने घोष का स्वागत ‘वापस जाओ’ के नारों से और काले झंडे दिखाकर किया| उनके सहयोगियों पर शारीरिक रूप से हमला किया गया। दिलीप ने खुद चौक बाजार पुलिस स्टेशन में आश्रय लिया। बाद में पार्टी ने अपना तीन दिवसीय कार्यक्रम रद्द कर दिया। घोष ने इस घटना के लिए सत्तारूढ़ टीएमसी को दोषी ठहराया। ”
संक्षेप में, इस वीडियो का इस्तेमाल जनता को गुमराह करनेवाले प्रभाव देने और राजनीतिक पार्टी के खिलाफ पक्षपाती छवि बनाने के लिए किया गया है।