
सोशल मीडिया पर किसान बिल के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर गलत व भ्रामक खबरों का दौर जारी है, एक टेंटों से बनी हुई टेंट सिटी की तस्वीर को सोशल मंचों पर तीव्रता से यह कहकर वायरल की जा रही है कि ये शहर किसानों द्वारा अस्थायी रूप से बनाया गया है, जिससे वे मौजूदा मौसम की मार को आराम से झेल सकते हैं||
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“दुनिया का सबसे बड़ा टेंट सिटी का सेट अप दुनिए के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन में दिल्ली बॉर्डर पर | #किसान_आंदोलन |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि वायरल तस्वीर का वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन से नहीं है, बल्कि यह तस्वीर २०१३ में कुम्भ मेले से है |
जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें यह वायरल तस्वीर एक फिनिश वेबसाइट- केरानेलमस्सा पर प्राप्त हुई | लेख के शीर्षक में लिखा गया है कि “’ भारत का सबसे बड़ा त्योहार महाकुंभ मेला” | लेख में कुम्भ मेले के बारे में लिखा हुआ है | लेख के अनुसार, लेखक ने २०१३ में इन छवियों को क्लिक किया था | हमें कुंभ मेले में टेंट की वेबसाइट पर एक और एरियल व्यू की तस्वीर मिली, जो एक पुल के नीचे तम्बू की बस्ती दर्शाती है | तस्वीरों को फ़िनलैंड के फोटोग्राफर और इस वेबसाइट के सह-संस्थापक विले पालोनन ने क्लिक किया है |
हमने इस स्थल की दूसरी तस्वीरें स्टॉक इमेज वेबसाइट- गेट्टी इमेजस पर मिली | गेट्टी इमेज पर एक समान दिखने वाले तस्वीर के विवरण में लिखा गया है कि, ” महाकुंभ मेला 2013 भारत, उत्तर प्रदेश (संयुक्त प्रांत), इलाहाबाद। महाकुंभ मेला 2013, शिविर का दैनिक जीवन, पुल से नज़ारा देखें |”
Embed from Getty Imagesइससे हम स्पष्ट हो सकते है कि सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर वर्तमान दिल्ली बॉर्डर से नही है बल्कि २०१३ से ही इन्टरनेट पर उपलब्ध इन तस्वीरों से ये स्पष्ट होता है कि इस तस्वीर का वर्तमान किसान आंदोलन से कोई सम्बन्ध नहीं है|
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर का वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है बल्कि यह तस्वीर २०१३ कुम्भ से है |

Title:२०१३ कुम्भ मेले की तस्वीर को किसान आंदोलन का बता भ्रम फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
