
सोशल मीडिया पर नमाज़ अदा करते हुए पुरुषों के एक समूह की तस्वीर को फैलाते हुए यह दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में देशव्यापी तालाबंदी के दौरान ७०० आदमियों के एक समूह की है, जिन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन कर नमाज अदा की थी |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच कि शुरुवात हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें यह तस्वीर अलामी स्टॉक फोटोज पर उपलब्ध मिली | हमने पाया कि तस्वीर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर की है, जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है | आलमी की वेबसाइट के अनुसार, तस्वीर को १७ मई, २०१८ को खींचा गया था | इस तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “इलाहाबाद में रमजान के महीने के दौरान मुस्लिम तरावीह नामक रात की नमाज अदा करते हैं, रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है, और वह महीना जिसमें कुरान का खुलासा हुआ था , रमजान के महीने के दौरान उपवास इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है | इस महीने को मुसलमानों ने सुबह से सूर्यास्त तक दिन के उजाले के दौरान उपवास करके बिताया है |” इस तस्वीर को प्रभात कुमार वर्मा नामक एक फोटोग्राफर ने खीचा था |
तमिलनाडु के तिरुपथुर जिले की पुलिस ने भी ट्विटर पर सोशल मीडिया पर प्रसारित गलत खबर का खंडन करते हुए लिखा है कि “#अलाहाबाद में शूट की गई तस्वीर को सोशल मीडिया में गलत तरीके से तिरुपथुर जिले से नाम से शेयर किया गया है| # बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात् हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | उत्तर प्रदेश के अलाहाबाद में २०१८ में खिंची तस्वीर को यह दावा करते हुए फैलाया जा रहा है कि ये तस्वीर वर्तमान लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में मुस्लिमो द्वारा नमाज़ अदा करने की है |

Title:२०१८ की तस्वीर को वर्तमान में तमिलनाडु के वेल्लोर का बता लॉकडाउन उल्लंघन के नाम से फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
