
सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज के माध्यम से अभिनेता आमिर खान द्वारा मुंबई में गरीबों को देशव्यापी तालाबंदी के दौरान पैसे दान करने के दावे के साथ फैलाया जा रहा है | २४ मार्च २०२० को भारत सरकार द्वारा COVID-19 के प्रकोप को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी की घोषणा की गई थी, जिससे चलते हजारों दैनिक वेतन भोगी बेरोजगार हो गए हैं | रोग के फैलाव को कम करने के लिए लॉकडाउन को १७ मई तक बढ़ाया गया, जिससे श्रमिकों में अनिश्चितता बढ़ गई | हिंदी फिल्म उद्योग की हस्तियां इस मुश्किल समय के दौरान योगदान देने के लिए आगे आई हैं | इसी बीच सोशल मीडिया पर एक मैसेज वाईरल हो रहा है जिसमे लिखा गया है कि आमिर खान ने पास के एक झुग्गी में आटे के पैकटों से भरा वाहन भेजा है, मौके पर पहुंचकर ये घोषणा की गई कि जिसे भी आटे की जरूरत हो, वह आकर उनसे आटा ले सकता है, हालांकि, आटा वितरण मात्रा केवल एक किलो तक सीमित थी | जिन लोगों के घरों में पर्याप्त राशन था, वे आटा इकट्ठा करने के लिए नहीं गए | हालांकि, जिन जरूरतमंदों लोगों को पैकेट मिले, उन्हें पैकेट के अन्दर से १५००० रुपये की नकदी मिली | बाद में पता चला कि ट्रक आमिर खान द्वारा भेजा गया था |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच कि शुरुवात हमने कीवर्ड्स के माध्यम से गुगल सर्च कर संबंधित ख़बरों को ढूँढने से की, जिसके परिणाम से हमें एक ट्वीट मिला जिसे फिल्म विश्लेषक तरण आदर्श ने ट्वीट किया था, ट्वीट में लिखा था कि, आमिर खान ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री रिलीफ फण्ड में पैसे दान किये और बताया कि किस तरह अभिनेता ने अपनी आगामी फिल्म लाल सिंह चड्ढा के आने की ख़ुशी में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को समर्थन दिया है, पर आटे के पैकटों के अन्दर रुपये डालने वाली खबर हमें कहीं भी प्राप्त नहीं हुई |
हालाँकि वाईरल हो रही इस खबर पर अभिनेता आमिर खान ने काफी समय तक चुप्पी बनाये रखी थी, पर फिर आज दिन्नांक ४ मई २०२० को उन्होंने एक ट्वीट कर इस खबर का खंडन स्वयं से किया है, अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस वायरल मैसेज के सम्बन्ध में उन्होंने लिखा है कि “दोस्तों, मैं आटे के पैकटों में पैसा डालने वाला व्यक्ति नहीं हूँ | यह कथन या तो पूरी तरह से एक नकली कहानी है, या रॉबिन हुड खुद को प्रकट नहीं करना चाहता है! सुरक्षित रहें | लव |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | अभिनेता आमिर खान द्वारा दिए गये स्पष्टीकरण से स्पष्ट है कि उन्होंने आटों के पैकेट के अंदर ज़रूरतमंदों को पैसे नही बांटे थे |
