
८ जून २०१९ को फेसबुक पर ‘Prakash Kumar’ नामक एक पेज पर एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट मे एक मंदिर का बोर्ड साझा किया गया है, जिसका विवरण इस प्रकार है – यह तीर्थ हिन्दुओं का पवित्र स्थल है, शुद्र मुसलमान का प्रवेश वर्जित है | पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि “इस तीर्थ स्थल पर शूद्र और मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है, तो अब यह जानना जरूरी है कि शूद्र कौन है??? हिंदुओं के एकमात्र धर्म शास्त्र मनु संहिता के अनुसार जो ब्राम्हण नहीं है, जो क्षत्रिय नहीं है, जो वैश्य नहीं है, वह शूद्र है। इसको अगर दूसरी तरह से समझा जाए तो इसका अर्थ यह निकलता है कि मरवाड़ी, एसटी, एससी, ओबीसी और मानवता का इस मंदिर में प्रवेश निषेध है |” क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
संशोधन से पता चलता है कि…
उपरोक्त पोस्ट मे दी गयी तस्वीर को गौर से देखने पे साफ़ पता चलता है कि इस तस्वीर मे जहां ‘शुद्र’ लिखा हुआ है, वहां चित्र को फोटोशोप या पेंट की मदद से बदला गया है |
हमने जांच की शुरुवात उपरोक्त पोस्ट मे दी गयी तस्वीर को ‘यांडेक्स’ इमेज सर्च मे ढूंढकर की, तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
इस संशोधन मे हमें १४ अक्टूबर २०१८ का ट्विटर का लिंक मिला | जब हम वह लिंक पर गए, तो ‘Squint Nayan’ द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला | इस ट्वीट मे जो लिखा है उसका सरल हिंदी अनुवाद है “एक और कांग्रेस पिडी @rajivtango ने हिंदुओं को जाति के आधार पर विभाजित करने के लिए फोटो-शॉप की गई तस्वीर साझा की। यह अब पैटर्न बन गया है और लगता है कि 2 टके का फैक्ट चेकर @zoo_bear कुछ करने वाला नहीं है |”
इसके साथ ही इस ट्वीट मे नीचे दो तस्वीरें दी गयी थी, जो उपरोक्त तस्वीर से हुबहू मिलती है | मगर एक तस्वीर मे ‘शुद्र’ शब्द के जगह ‘इसमें’ लिखा था |
इसके अलावा हमें एक और मिलता-जुलता ट्वीट मिला | १४ अक्टूबर २०१८ को ‘Sanjib Ghosh’ द्वारा की गयी ट्वीट मे भी इस चित्र के बदलके साझा करने की बात की गयी है |
दोनों ट्वीट से यह पता चलता है कि उपरोक्त पोस्ट फेसबुक पर ‘Rajiv Tyagi’ नामक एक यूजर द्वारा १४ अक्टूबर २०१८ को साझा की गयी थी |
इस संशोधन से साफ़ पता चलता है कि कि उपरोक्त पोस्ट मे साझा तस्वीर फोटोशोप की मदद से बदली गयी है और भ्रम पैदा करने के लिए साझा की जा रही है |
इसके बाद जब हमने गूगल पर ‘यह तीर्थ हिन्दुओं का पवित्र स्थल है शुद्र मुसलमान का प्रवेश वर्जित है’ की वर्ड्स देकर ढूंढा, तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
‘YouTube’ पर मिला एक विडियो इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगे बोर्ड का रिकॉर्डिंग दर्शाता है | यह विडियो २८ अक्टूबर २०१७ को अपलोड की गयी है |
इसके अलावा हमें ‘Patrika’ द्वारा दी गयी एक ख़बर मिली जिसमे लिखा है कि उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद मे स्थित डासना देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर यह बोर्ड लगाया गया है क्योंकि, डासना मसूरी इलाका एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है | मुस्लिम समाज के युवक यहाँ के मंदिरों के पूजा के वक़्त आकर अभद्रता करते है | इसीलिए यह बोर्ड लगाकर इस प्रकार मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गयी है | पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
हमने दोनों तस्वीरों को नीचे विश्लेषण के लिए दिया है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा की, “इस तीर्थ स्थल पर शूद्र और मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है |” ग़लत है | यह चित्र को फोटोशोप की मदद से भ्रम पैदा करने के लिए बदला गया है | मूल तस्वीर में शुद्र नहीं, बल्कि इसमें शब्द लिखा है |

Title:क्या मंदिर के बोर्ड पर लिखा है कि शुद्र मुसलमान का प्रवेश वर्जित है ? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: False
