राजस्थान में चुनाव रोचक मोड़ पर पहुंच गया है। वहीं चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस वायरल वीडियो में कुछ लोगों को पेड़ से बंधे देखा जा सकता है, जबकि वहां मौजूद अन्य लोग भाजपा के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान राजस्थान के एक गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए गए। चुनाव के दौरान वायरल वीडियो पोस्ट होने से ऐसा लग रहा है मानों यह हाल ही की घटना हो।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- राजस्थान में गांव के लोगों ने बीजेपी के लोगों को बांध कर रखा मैं इसका विरोध करता हूँ, वोट से चोट करें।

फेसबुकआर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट लिए। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें ज़ी राजस्थान चैनल पर मिला। 9 नवंबर 2020 को वीडियो को अपलोड़ किया गया था।

प्रकाशित खबर के अनुसार राजस्थान के नागौर में टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के तीन पदाधिकारियों को पेड़ से बांध दिया और झंडा जलाया था।

दरअसल, पंचायत समिति चुनाव के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद नाराज कार्यकर्ताओं ने यह कदम उठाया था।

जांच में हमें दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर मिली। जानकारी के अनुसार नागौर के हरसौल मंडल क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में बांटे गए टिकटों से नाखुश थे।

इसको लेकर इलाके में विरोध प्रदर्शन हो रहा था। विरोध इतना बढ़ गया कि कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों को पेड़ से बांध दिया था।

हरसौर मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र वैष्णव और भैरुन्दा ईकाई अध्यक्ष अमरदास वैष्णव की बीच बाजार में घेराबंदी कर उन्हें पेड़ से बांध दिया गया था।

इस खबर को यहां, यहां और यहां पर देखा जा सकता है। हमें मिली जानकारियों से यह स्पष्ट होता है कि ये वीडियो तीन साल पुराना है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि, तीन साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ राजस्थान चुनाव से जोड़ा जा रहा है।

Avatar

Title: राजस्थान चुनाव से जोड़ कर तीन साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल…

Written By: Sarita Samal

Result: False