
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक़्फ़ क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जिसमें तीन लोग मारे गए। इस हिंसा से जुड़ी एक परिवार की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है।तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रोहिंग्या मुस्लिमों ने 35 वर्षीय गोपाल पाल, उनकी गर्भवती पत्नी और 8 साल के बेटे की हत्या कर दी।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- रात को आप घर का दरवाजा अन्दर से बन्द कर अपने 8 वर्ष के बेटे को कहानी सुनाते सुनाते स्वयं भी सो गये थे. गर्भवती पत्नी थकावट महसूस करने की वजह से पहले ही सोने जा चुकी थी. घर में शान्ति थी. अचानक घर के दरवाजे पर जोर से पीटे जाने और दरवाजा खोलने के लिए चीखती आवाजें सुनाई पड़ीं. आप सही से जाग कर कुछ समझ पाते, उससे पहले ही कुछ लोग दरवाजा तोड़कर अन्दर आ चुके थे. आप कांपते हाथ से मोबाइल पर किसी मित्र को मदद के लिए फोन करने की कोशिश ही कर रहे थे कि घर में जबरन घुसी रोहिंग्याओं की…
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें 10 अक्टूबर 2019 को ‘ANI’ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल तस्वीर थी। इससे ये साफ है कि वायरल तस्वरी हाल की नहीं है।
प्रकाशित खबर के अनुसार, यह घटना मुर्शिदाबाद के जियागंज इलाके में हुई, जहाँ एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी गई। पीड़ितों की पहचान बंधु प्रकाश पाल, उनकी पत्नी ब्यूटी मोंडल पाल और उनके बेटे अंगन बंधु पाल के रूप में हुई। मामला तब प्रकाश में आया जब पड़ोसियों ने उनके घर के अंदर शव देखे और पुलिस को सूचित किया। तीनों कथित तौर पर खून से लथपथ पाए गए।
घटना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमने अलग अलग कीवर्ड का इस्तमाल किया।परिणाम में हमें वायरल तस्वरी से जूड़ी कई रिपोर्ट मिलीं। जिसे यहाँ, यहाँ और यहाँ पर देखा जा सकता है। इन रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने पाल के पूर्व पड़ोसी उत्पल बेहरा को अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि हत्याएं बीमा पॉलिसी से संबंधित वित्तीय विवाद के कारण की गई थीं।
जांच में हमें जागरण द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि 15 अक्टूबर 2019 की सुबह मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक एस मुकेश ने प्रेस वार्ता बुलाकर ट्रिपल मर्डर का पर्दाफाश कर दिया था। पुलिस ने बताया था कि पेशे से पत्थर का काम करने वाले उत्पल बेहरा ने शिक्षक परिवार की हत्या करने का जुर्म स्वीकार कर लिया था।
मृतक शिक्षक कई बीमा कंपनियों के साथ भी जुड़ा हुआ था। उत्पल ने भी उससे बीमा करवाया था। बीमे की किश्त जमा करने के लिए उसने शिक्षक को 48 हजार रुपये दिए थे। कुछ दिनों बाद रसीद मांगने पर शिक्षक आनाकानी करने लगा था। किश्त के जमा नहीं होने का पता चलने पर उत्पल ने उससे रकम वापस करने को कहा। इस पर शिक्षक ने उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया था। इसका बदला लेने के लिए उत्पल ने हत्या करने की साजिश रची थी। 8 अक्टूबर २०१९ को उत्पल दोपहर करीब 12 बजे शिक्षक के घर पहुंचा था और रुपये वापस करने का दबाव डालने लगा था, जिसको लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया । इसके बाद उसने शिक्षक पर धारदार हथियार से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया था। इसी बीच पत्नी ब्यूटी पाल ने उत्पल को पहचान लिया तो गवाह मिटाने के लिए उसने उसकी और बेटे अंगन की भी हत्या कर दी थी।’
25 अगस्त 2023 को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्पल बेहरा को हत्याओं का दोषी पाया गया और बरहामपुर की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने उसे मौत की सज़ा सुनाई।
इन सभी जानकारियों से यह स्पष्ट है कि वायरल फोटो में दिख रहे परिवार की हत्या उत्पल बेहरा ने की थी, जो मुस्लिम नहीं है। और घटना पुरानी है।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, वायरल तस्वरी के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है। वायरल तस्वीर में नजर आ रहे परिवार की साल 2019 में उत्पल बेहरा ने पैसों के लेन-देन के मामले में हत्या कर दी गई थी। 6 साल पुरानी इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।

Title:2019 में पैसों के लेन-देन के मामले में हुए तिहरे हत्याकांड को मुर्शिदाबाद हिंसा से जोड़कर वायरल..
Fact Check By: Sarita SamalResult: False
