सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक युवक सहित हिजाब पहने कुछ महिलाओं को लोगों के चेहरे और कपड़ों पर लाल रंग के निशान बनाते देखा जा सकता है। जिस तरल पदार्थ से निशान बनाए जा रहे हैं वो खून के रंग जैसा लाल है। मेकअप कराने के बाद लोग कैमरे में देखकर हंस रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इजरायल को बदनाम करने के लिए फिलिस्तीन में लोग मेकअप करके खुद पर चोट के निशान बना रहे हैं।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- पेलू स्तिन का एक और घिनौना रूप देखिए , ऐसा artificial makeup करके अपने आप को विक्टिम दिखाने की कोशिश दीन वाले तो कर ही सकते है ।अपने आप को सारी दुनिया के सामने बेचारा और इजरायल की मार का शिकार दिखाने के लिए देखो गाहे बगाहे ये कैसी नीचता करते है ,देखो जिससे दुनिया भर के मुस्लिम।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो से जुड़ी कुछ रिपोर्ट मिली। 2018 में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो गाजा में हुई एक आर्ट वर्कशॉप का है, जो ‘Abd al-Baset al-Loulou’ नाम के व्यक्ति ने कराई थी।

किसी जंग के दौरान घायल हुए लोगों को जिस तरह की चोटें आती हैं, इस वर्कशॉप में मेकअप से लोगों पर उसी तरह के निशान बनाए गए थे। इसके बाद, एक डॉक्टर ने वहां मौजूद मेडिकल वर्कर्स को चोटिल लोगों का इलाज करने की ट्रेनिंग दी थी।

वहीं अन्य एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो में फिलिस्तीनी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली एक मेकअप आर्टिस्ट मरियम सलाह मौजूद थीं। मरियम फिल्मों में चोटिल दिखाए जाने वाले एक्टर्स का मेकअप करती हैं।

इस वीडियो में बताया गया है कि मरियम ‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ नाम की एक चैरिटी ऑर्गनाइजेशन के लिए काम करती हैं।

‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ फ्रांस की एक चैरिटी ऑर्गेनाइजेशन है, जो दुनिया भर में आपातकाल की स्थिति में लोगों तक इलाज पहुंचाने का काम करती है। ये वीडियो उन्होंने गाजा में रहने वाले लोगों के हालात को देखते हुए जागरूकता फैलाने के मकसद से बनाया था।

जर्मनी की एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार ये वर्कशॉप गाजा में फरवरी 2017 में हुई थी। ‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ ने इसका आयोजन किया था। इसके अलावा, ‘माइमास’ नाम की एक मीडिया कंपनी ने इस पूरी वर्कशॉप को शूट किया था।

इसके बाद हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन एक फिलिस्तीनी मीडिया आउटलेट ‘गाजा पोस्ट’ के यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 25 फ़रवरी 2017ययहां भी अरबी भाषा में लिखा हुआ है कि इस वीडियो में सिनेमा के जरिये गाजा की स्थिति को दुनिया के सामने पेश किया जा रहा है।

2021 में फ्रांस 24 अंग्रेजी ने इस वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया था।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि, ये वीडियो साल 2017 में जंग के दौरान घायल हुए लोगों का इलाज करने की ट्रेनिंग पर बनी एक फिल्म का है। इजरायल को बदनाम करने के लिए फिलिस्तीन में लोगों द्वारा मेकअप करके खुद पर चोट के निशान बनाने का दावा गलत है।

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Title:क्या फ़िलिस्तीनी इसराइल को बदनाम करने के लिए घाव बना रहे हैं? नहीं, ये एक फिल्म की शूटिंग का वीडियो है.….

Written By: Sarita Samal

Result: False