पांच साल से ज्यादा पुरानी घटना को हाल-फिलहाल का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है…

Communal False

सोशल मीडिया पर एक शख्स को पीटते हुए पुलिसकर्मी की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के रीवा के मंदिर में नवरात्र के दिन एक पुजारी दीपक जलाने आया हुआ था। इसी दौरान रीवा के एसपी आबिद खान ने मंदिर में पुजारी के साथ मारपीट की।

वायरल पोस्ट के साथ यूजर ने लिखा है- माँ के नवरात्रि का अंतिम दिन है., अकेला दीपक जलाने आया हूँ साहब। रामनवमी है सर।”मध्यप्रदेश में रीवा के मन्दिर में अकेले पूजा कर रहे पुजारी को बेरहमी से पीटा। जल से भरा बर्तन लात मार कर फेंक दिया गया, और पूजा क्षेत्र को बूंट पहन के तबियत से कुचला गया है।बताते चले रीवा पुलिस के SP #आबिद_खान हैं। प्रत्येक हिन्दू का यह कर्तव्य है कि वह उक्त आरोपी को बर्खास्त कराने के लिए अपना योगदान दे।

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अनुसंधान से पता चलता है कि… 

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें अप्रैल 2020 में छपी  दैनिक भास्कर की खबर मिली। यहां पर वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। यहां ये तो स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर हाल का नहीं है।

प्रकाशित खबर के अनुसार  रीवा में एक पुजारी लॉकडाउन के दौरान ढेकहा मोहल्ले में स्थित देवी मंदिर में भीड़ जमा करके वहां पूजा-पाठ कर रहा था। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मंदिर पहुंच गई थी और वहां से लोगों को भगा दिया गया था। लेकिन इसी दौरान सिविल लाइन थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा ने पुजारी की पिटाई कर दी थी।उन्होंने पूजा का सामान भी बिखेर दिया था।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे का सर्च करने पर वायरल तस्वीर का खबर हमें  नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी मिली।  3 अप्रैल 2020 को प्रकाशित  रिपोर्ट के अनुसार, घटना रीवा जिले के ढेकहा स्थित देवी मंदिर परिसर की है। जहां पर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से पुलिस ने पुजारी पर बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की। 

तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा ने पुजारी को बेरहमी से पीटा था।  फिर लोगों ने इस बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की शिकायत तत्कालीन डीजीपी विवेक जौहरी से की।

इसके अलावा हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट मध्य प्रदेश जनसंपर्क के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। पोस्ट 3 अप्रैल 2020 को की गई थी।  जिसमें ये स्पष्ट किया गया है कि फोटो में जो पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं वह रीवा पुलिस अधीक्षक आबिद खान नहीं हैं। तब भी आबिद खान के बारे में फेक न्यूज फैलाई गई थी।

 मौजूद जानकारी के मुताबिक, “रीवा की घटना के संबंध में आईजी रीवा ने जानकारी दी है। फोटो में जो पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं वह रीवा पुलिस अधीक्षक आबिद खान नहीं हैं।

 लॉकडाउन के दौरान भीड़ इकट्ठी होने की सूचना पर कार्रवाई की गई है। अनुचित कार्रवाई पर थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा को लाइन अटैच कर दिया गया है।”

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, पांच साल से ज्यादा पुरानी घटना को हाल-फिलहाल का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है। तब रीवा में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर एक पुजारी को थाना प्रभारी ने पीटा था। 

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Title:पांच साल से ज्यादा पुरानी घटना को हाल-फिलहाल का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है…

Fact Check By: Sarita Samal 

Result: False

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