अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। इसके लिए शहर को सजाया जा रहा है। हालांकि, प्राण प्रतिष्ठा से पहले शंकराचार्यों को लेकर विवाद भी हो गया है।

इसी बीच ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में वो एक समाधि पर फुल चढ़ाते दिख रहे हैं। वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अजमेर शरीफ का दौरा कर वहां चादर चढ़ाई और अब वह राममंदिर में जाने से कतरा रहे हैं।

वायरल तस्वीर के साथ यूजर ने लिखा है- मुस्लिमों के बीच जाकर #मजारों पर फूल चढ़ाने का समय है इन तथाकथित #शंकराचार्यों के पास..बस मंदिर 22 जनवरी नहीं जाना ,५०० सालों बाद रामभक्तों के अनेक बलिदानों के बाद बन रहे श्री #रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में।। कांग्रेस के पिछलग्गू है ये तथाकथित शंकराचार्य।

फेसबुक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल में वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर फेसबुक पेज पर हमें एक पोस्ट मिली। फेसबुक पेज पर बताया गया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ये तस्वीर 2006 की है। उस समय उन्होंने ‘रामसेतु रक्षा मंच’ के बैनर तले राजधानी दिल्ली में एक रैली का नेतृत्व किया और फिर उन्होंने स्वामी रामानंद की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किया था।

आगे की सर्च में हमें ज्योर्तिमठ शंकराचार्य के ट्विटर हैंडल से 16 जनवरी 2024 को पोस्ट किया गया वीडियो मिला। द वायर के पत्रकार करन थापर को दिए एक इंटरव्यू में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वायरल हो रही तस्वीर को लेकर बात की थी । उन्होंने बताया है कि इस तस्वीर को उनकी छवि धूमिल करने के लिए वायरल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी अजमेर शरीफ दरगाह नहीं गए हैं। वायरल दावा फर्जी है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वायरल तस्वीर पर कहा कि रामदेव पीर नाम के एक संत हैं। जिस वक्त हम रामसेतु की रक्षा का आंदोलन चला रहे थें। उस समय हमारी मुलाकात अरविंद स्वामी नाम के व्यक्ति से हुई, जिन्होंने हमारी मदद की और बदले में हमें दिल्ली में बने आश्रम में आने का निमंत्रण दिया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे बताया कि अरविंद स्वामी रामदेव पीर की समाधी का प्रतिरूप बनाकर पूजा करते हैं। हम लोग यहां पर ही गए थे। उस वक्त हमारे साथ पुरी के शंकराचार्य महाराज भी थे। कई प्रतिष्ठित संत-महात्मा भी वहां गए थे। ये तस्वीर वहां की है।

क्यों नहीं जा रहे हैं अविमुक्तेश्वरानंद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में –

ज्योतिर्मठ के वर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण अधूरा है। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होना धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने की वजह से काफी विवाद भी छिड़ा हुआ है।

निष्कर्ष-

तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, दिल्ली में रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर श्रद्धासुमन अर्पित करते शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की पुरानी तस्वीर को फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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Title:शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद क्या सच में दरगाह पहुंचे?

Written By: Saritadevi Samal

Result: Misleading