
९ जून २०१९ को फेसबुक पर ‘संदीप सिंह सोमवंशी’ नामक एक यूजर ने एक पोस्ट साझा की है | पोस्ट का विवरण इस प्रकार है – जब इनका यह धर्म है तो देश के लिए जहर है भाईयो | पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि मिस्र के अल अज़हर यूनिवर्सिटी की इस्लामी प्रोफेसर ने कहा है कि, “अल्लाह मुस्लिमो को गैर मुस्लिम महिला के रेप की इजाज़त देता है, और ये जायज है |” क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
संशोधन से पता चलता है कि…
उपरोक्त पोस्ट पर दिये गए तस्वीर को हमने ‘यांडेक्स’ इमेज सर्च मे देकर ढूंढा, तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
उपरोक्त पोस्ट मे दी गयी तस्वीर से कई सारे मिलते-जुलते तस्वीरें हमें मिली, जिसमे से ‘Videoindirelim’ नामक एक वेबसाइट पर हमें यह विडियो मिला |
इस वेबसाइट में १२ जनुअरी २०१६ को एक विडियो साझा किया गया है | इस विडियो का विवरण इस प्रकार है, “Female Islamic scholar defends the rape of non-Muslim Prisners Of Wars” | सरल हिंदी मे अनुवाद : महिला इस्लामिक विद्वान युद्ध के गैर-मुस्लिम कैदियों के बलात्कार का बचाव करती है | इस विडियो में बायें तारफ़ के ऊपरी हिस्से में ‘Memry TV’ लिखा था | गूगल में हमने ‘MemriTV’ की वर्ड्स से ढूंढा ही हमें इस टीवी चैनल का वेबसाइट मिला |
इस वेबसाइट मे ढूंढने पर हमें १२ सितम्बर २०१४ को साझा किया गया विडियो मिला |
जब हमने इस वेबसाइट पर देखा तो हमे ‘Videoindirelim’ द्वारा दी गयी विडियो मिली | इस विडियो पर विवरण इस प्रकार है – अल अज़हर प्राध्यापक सुआद सलेह ने कहा : एक वैध युद्ध में मुसलमान गुलाम के तौर पे लड़कियों को कैद कर सकते हैं और उनके साथ यौन संबंध भी कर सकते हैं | मगर जब हमने इस विडियो को पूरा सुना तो हमें पता चला कि विवरण मे लिखा गया वाक्य असल मे पूरे भाषण का है | इस भाषण मे प्राध्यापक सुआद सलेह ने विस्तार से समझाया है कि किस प्रकार इस्लाम के स्थापना से भी पहले गुलाम खरीदने और रखने की प्रथा चली आ रही है | कोई भी किसी को खरीद सकता था | उन्होंने इस प्रक्रिया को आज के ज़माने की मानव / अंग तस्करी के साथ तुलना की है और कहा कि इसे ‘Selling of Freeborn People’ अथवा ‘आज़ाद लोगो की बिक्री’ कहा जाता है |
मगर जब इस्लाम की स्थापना हुई तो इस प्रकार के कार्य पर नियंत्रण करने के लिए यह नियम लागू कर दिया था कि केवल जिन लोगों को वैध और कानूनी युद्ध में बंदी बनाये गए हैं, सिर्फ़ उन बंदियों को गुलाम बनाया जा सकता है |
आजकल अवसरवादी और चरमपंथियों जो यह कहते हैं कि “मैं पूर्व एशिया जाकर वहाँ से अपने लिए एक गुलाम लड़की ले आऊँगा और अपनी पत्नी की इजाज़त से उसे घर मे रख कर उसके साथ यौन संबंध रखूंगा” यह सरासर गलत है | इस्लाम इसकी इजाज़त नहीं देता है | आजकल कुछ लोग अल्लाह के बोले हुए प्रवचन और तौर-तारीके (जो कुरान मे लिखा है ) उसका उल्लंघन कर रहें है और हमें ऐसे लोगों से प्रभावित नहीं होना चाहिए |
मगर पूरे विडियो में उन्होंने कहीं भी यह नहीं कहा कि “अल्लाह रेप करने की इजाज़त देतें है” | पूरे विडियो को देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा की, “मिस्र के अल अज़हर यूनिवर्सिटी की इस्लामी प्रोफेसर ने कहा है कि, “अल्लाह मुस्लिमो को गैर मुस्लिम महिला के रेप की इजाज़त देता है, और ये जायज है |” ग़लत है | इस विडियो मे महिला इस्लामिक विद्वान युद्ध के गैर-मुस्लिम कैदियों के बलात्कार का बचाव करती हुई इस्लाम के मुताबिक सही प्रचार कर रहीं हैं |

Title:क्या मिस्र के अल अज़हर यूनिवर्सिटी की इस्लामी प्रोफेसर ने कहा कि अल्लाह देता है रेप की इजाज़त ? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: False
