
३ मई २०१९ को फेसबुक के ‘RSS’ नामक पेज पर एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में पांच फोटो दिए गए है | फोटो में दिखता है कि, आरएसएस के कार्यकर्ता या स्वयंसेवक जैसी पोशाक पहने कुछ लोग रास्ते पर गिरे हुए पेड़ हटाकर रास्ता खुला करने में जुटे हुए है | पोस्ट के विवरण में कहा गया है कि,
ओडिशा में तूफ़ान आने के बाद कोई पहुचा हो मदद के लिए या नही लेकिन Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) के लोग जरूर पहुच गए।
मुझे खुद पर गर्व है कि मैं RSS की विचारधारा से जुड़ा हूं।
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि हाल ही में ओडिशा में आये फानी तूफान से पीड़ित लोगों की मदद करने आरएसएस के कार्यकर्ता दौड़ पड़े | इस तरह की कोई खबर हाल में पढने में नहीं आई | आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले नीचे की दो फोटो को गूगल और यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च किया तो दोनों फोटो हमें अलग अलग जगह पर मिले |
यह दोनों फोटो हमें यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च से विश्व संवाद केंद्र भारत तथा विश्व संवाद केंद्र तमिलनाडु की वेबसाइट पर मिले, जो आप नीचे देख की स्क्रीन शॉट पर देख सकते है |
२ दिसम्बर २०१७ को विश्व संवाद केंद्र तमिलनाडु द्वारा कन्याकुमारी में धडके ओखी तूफान के बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा तूफान पीड़ितों को की गई मदद के फोटो साझा किये थे, तथा आर्थिक सहायता के लिए आवाहन भी किया था |
इसी तरह विश्व संवाद केंद्र भारत द्वारा १७ अक्तूबर २०१४ को दी खबर के अनुसार हुडहुड तूफान के बाद विशाखापत्तनम में कुछ रिहायशी इलाकों में पेड़ गिरने की वजह से रास्ते बंद हो गए थे | आरएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा वह गिरे पेड़ हटाकर रास्ता साफ़ किया गया | इस खबर में यह भी कहा गया है कि, यह खबर में हिन्दू अख़बार में छपी है, तथा फोटो के लिए हिन्दू के आभार व्यक्त किये गए है |
ARCHIVE VISHWA | ARCHIVE VISHWA2
इसके अलावा हमें ५ दिसम्बर २०१७ को चौकीदार विकाश पटेल द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमे पहले नंबर का फोटो मौजूद है | इस ट्वीट में भी तमिलनाडु में आये ओखी तूफान का जिक्र है, ना कि फानी तूफान का |
अब हमने बाकि तीन फोटो के बारे में खोज की |
इन फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने के बाद हमें यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च से इन फोटो की लिंक मिली | सेवा भारती आंध्र प्रदेश की वेबसाइट पर १५ अक्तूबर २०१८ को प्रसारित एक समाचार में यह तीनों फोटो मौजूद है व लिखा है कि, ओडिशा के तितली तूफान पीड़ितों की आरएसएस स्वयंसेवकों ने मदद की थी | इसके साथ तितली तूफान से पीड़ित लोगों को सहायता के लिए आवाहन किया गया है |
ट्वीटर पर हमें चौकीदार स्वामी द्वारा किया एक ट्वीट भी मिला, जिसमे यह तीनों फोटो मौजूद है | साथ ही लिखा है कि, #ओडिशा का “#तितली #तुफान ” और सेवा मे जुटे #संघ के कार्यकर्ता | आप यह ट्वीट नीचे देख सकते है |
इस संशोधन से यह बात साफ़ होती है कि, उपरोक्त पोस्ट में ओडिशा के फानी तूफान से सम्बन्ध जोड़कर साझा की गई सभी फोटो इससे पहले ही इन्टरनेट पर मौजूद है | लिहाजा वह फानी तूफान से सम्बंधित नहीं हो सकती | यह भी बता दें कि, जहाँ हमें यह तस्वीरें मिली, वह सभी वेबसाइट आरएसएस से सम्बंधित है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में ओडिशा में हल ही में आये फानी तूफान के साथ जोड़कर किया गया दावा की, “ओडिशा में तूफ़ान आने के बाद कोई पहुचा हो मदद के लिए या नही लेकिन Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) के लोग जरूर पहुच गए।” सरासर गलत है | यह सब फोटो संघ की तो है, लेकिन पुरानी है |

Title:क्या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ओडिशा के तूफान पीड़ितों की मदद की?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
