१० मई २०१९ को फेसबुक के ‘BJP Loksabha Hissar’ नामक पेज पर एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में एक विडियो साझा किया गया है | विडियो में हमें हरयाणा के जानेमाने कांग्रेस नेता तथा विधायक कुलदीप बिश्नोई प्रेस से बात करते हुए दिखाई देते है | विडियो में वह नरेन्द्र मोदी के समर्थन में अपना मत व्यक्त कर रहे है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि

कुलदीप बिश्नोई ने किया मोदी जी का समर्थन फिर एक बार मोदी सरकार |

इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई खुलकर बीजेपी व नरेन्द्र मोदी के समर्थन में आगे आये है | लेकिन नीचे कमेन्ट सेक्शन में हमें दिखा कि, कुछ लोगों द्वारा यह विडियो पुराना होने का दावा किया गया है | तो आइये जानते है इस विडियो व पोस्ट के दावे की सच्चाई |

ARCHIVE POST

संशोधन से पता चलता है कि...

सबसे पहले हमने कुलदीप बिश्नोई इनके बारे में अधिक जानकारी हासिल की | हमें पता चला कि, वे हरियाणा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के सुपुत्र हैं। पहले वे काँग्रेस में थे, किंतु बाद में उन्होंने अलग होकर हरियाणा जनहित काँग्रेस पार्टी का गठन किया | २०११ में भजनलाल की मृत्यु के बाद बिश्नोई की पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था | २०१४ में हरयाणा राज्य विधानसभा चुनाव के पहले यह गठबंधन टुटा | बाद में २०१६ में राहुल गांधी के साथ बातचीत होने पर उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस के साथ विलय किया और फ़िलहाल वह कांग्रेस कार्यकारिणी के विशेष निमंत्रित सदस्य है | वह हरयाणा के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से २०१४ में कांग्रेस सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे |

इस जानकारी से यह पता चलता है कि, कुलदीप बिश्नोई फ़िलहाल कांग्रेस के विधायक है | लेकिन उपरोक्त पोस्ट में जो विडियो साझा किया गया है, उसमे वह बीजेपी व नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते दिखाई व सुनाई देते है | इसलिए हमने सबसे गूगल पर उनके नाम से सर्च किया | सर्च परिणाम को छानते हुए हम आगे बढे तो हमें कुछ ख़बरें मिली तथा विडियो भी मिले, जो उनके राजकीय पैंतरों पर प्रकाश डालते है |

परिणाम से हमें १९ मार्च २०१९ की ‘The Tribune’ की एक खबर मिली, जिसमे कहा गया है कि, कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी के चलते कुलदीप बिश्नोई ने हरयाणा कांग्रेस समन्वय समिति की पहली मीटिंग का बहिष्कार किया |

ARCHIVE TRIBUNE

इसी परिणाम से हमें १३ मार्च २०१९ का एक यू-ट्यूब विडियो मिला, जो Haryana Live Online द्वारा अपलोड किया गया है | इस विडियो में बीजेपी के हरयाणा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने पत्रकारों से बात करते हुए नविन जिंदल तथा कुलदीप बिश्नोई के बीजेपी प्रवेश की अटकलों को ख़ारिज किया था |

इसके बाद खुद कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को होली के मौके पर ख़ारिज किया था | यू-ट्यूब पर हमें City First News चैनल द्वारा अपलोड एक विडियो मिला, जो आप नीचे देख सकते है |

इसके अलावा हमें ११ अप्रैल २०१९ को ‘पंजाब केसरी’ द्वारा प्रसारित एक खबर मिली, जिसमे फिर एक बार हरयाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा कुलदीप बिश्नोई के बीजेपी प्रवेश की अटकलों को नकारा गया था |

ARCHIVE KESARI

इसके अलावा हमें ‘The Tribune’ की और एक खबर मिली, जिसमे कहा गया है कि, कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को कांग्रेस ने २०१९ के लोकसभा चुनाव के लिए हिसार से टिकट घोषित किया है |

ARCHIVE BHAVYA

इसी परिणाम से आगे बढ़ते हुए हमें वह मूल विडियो भी मिला, जो उपरोक्त पोस्ट में साझा किया गया है | दरअसल यह विडियो छह साल पुराना यानि २०१३ का है | यह तब का विडियो है, जब कुलदीप बिश्नोई नरेन्द्र मोदी से मिलने गुजरात गए थे और तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे | मोदी से मुलाकात के बाद बिश्नोई ने किसी पत्रकार से बात की थी तथा मोदी का खुलकर समर्थन किया था | तब उनकी पार्टी तथा बीजेपी का गठबंधन जारी था | Desh Gujrat HD चैनल ने ३० मई २०१३ को यह विडियो अपलोड किया था |

इस संशोधन से यह बात साफ़ होती है कि, बेशक कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस से नाराज चल रहे थे, लेकिन वह बीजेपी में शामिल नहीं हुए है | उनके बेटे को भी हिसार से कांग्रेस ने टिकट दिया है | तो वह मोदी का समर्थन कैसे कर सकते है | २०१३ का वह पुराना विडियो कुलदीप बिश्नोई ने किया मोदी जी का समर्थन फिर एक बार मोदी सरकार इस विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से साझा किया जा रहा है |

उपरोक्त पोस्ट में साझा २०१३ का क्लिप किया हुआ विडियो और मूल विडियो को आप नीचे पूरा देख व सुन सकते है |

जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा पुराने विडियो के साथ किया गया दावा कि, “कुलदीप बिश्नोई ने किया मोदी जी का समर्थन फिर एक बार मोदी सरकार|” बिलकुल गलत है | यह विडियो २०१३ का है, जब बिश्नोई का बीजेपी के साथ गठबंधन था |

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Title:क्या कुलदीप बिश्नोई ने नरेन्द्र मोदी का समर्थन किया?

Fact Check By: Rajesh Pillewar

Result: False