
CAA और NRC के खिलाफ व समर्थन में देश भर में आंदोलन चल रहे है, जे.एन.यू और जामिया के छात्र भी इन विरोध प्रदर्शनो में भाग ले रहे है | इन प्रदर्शनों को लेकर कई भ्रामक व गलत लेख, वीडियो व फोटो अकसर डालीं जा रहीं है, ऐसा ही एक पोस्ट जिसमे हम कुछ छात्रों को “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है |” नारे लगते हुए सुन सकते है को सोशल मीडिया पर काफी तेजी से फैलाया जा रहा है | इस पोस्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि JNU के छात्र NRC और CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “JNU छात्र NRC और CAB के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इन्विड टूल के मदद से इस वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें २२ नवंबर २०१९ को न्यूज़१८ द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | खबर के अनुसार यह वीडियो लाहौर के फैज़ फेस्टिवल में छात्रों द्वारा किये गये प्रदर्शन का है | खबर के शीर्षक में लिखा गया है कि “पाकिस्तानी छात्र फैज़ फेस्टिवल में “सरफ़रोश की तम्मना” गाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है | वायरल वीडियो फैज लिटरेरी फेस्टिवल २०१९ का है जो कवि फैज अहमद फैज की याद में उनकी जयंती पर आयोजित किया गया था। वीडियो में छात्रों की भीड़ को उनके गीत को सुनने और अनुमोदन के साथ ताली बजाती भीड़ को देखा जा सकता है |
मल्टीमीडिया मीडिया पत्रकार, शिराज़ हस्सन ने १७ नवंबर २०१९ को इस वीडियो को साझा करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि “सरफ़रोश की तम्मन अब हमारे दिल में है, लाहौर, फैज फेस्टिवल |”
छात्रों के एकजुटता मार्च की योजना प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स कलेक्टिव (PSC) द्वारा आयोजित की गई थी, जिन्होंने इसी घटना के दुसरे वीडियो को ट्वीट किया था |
द इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस खबर को २९ नवंबर २०१९ को प्रकाशित किया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फैज फेस्टिवल लाहौर से है | यह नारे कवि फैज अहमद फैज की याद में उनकी जयंती पर लगाये गये थे | इस वीडियो के साथ जे.एन.यू छात्रों और CAB, NRC के साथ कोई संबंध नही है ना ही यह वीडियो जे.एन.यू से है |

Title:वीडियो का CAA और NRC से कोई संबंध नही है ! यह वीडियो लाहौर से है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
