
५ अप्रैल २०१९ को “६० इयर्स ऑफ़ कांग्रेस” नामक एक फेसबुक पेज ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “कांग्रेस ही देश को जोड़े रख सकती है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सबके साथ कांग्रेस का हाथ” | तस्वीर में हम पांच अलग अलग धर्मगुरुओं को कांग्रेस पार्टी का झंडा लहराते हुए और आगे बढ़ते हुए देख सकते है | इस तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि केवल कांग्रेस पार्टी के माध्यम से ही देश एक हो सकता है व अलग अलग धर्मों के बीच का विवाद कम हो सकता है | यह तस्वीर काफ़ी चर्चा में है | फैक्ट चेक किये जाने तक इस पोस्ट ने लगभग ६००० प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी |
देश में आम चुनाव चल रहे है | जिस वजह से इस तरह की पोस्ट काफी वायरल हो रहे हैं | आजकल ऐसे काफ़ी पोस्ट दिख जाते है जहा तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की जाती है | इसीलिए हमने इस पोस्ट की सच्चाई जानने की कोशिश की |
संशोधन से पता चलता है कि…
जांच की शुरुआत हमने तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, परिणाम में हमें एक ट्वीट का लिंक मिला | लिंक पर क्लिक करने पर हम स्वामी दीपांकर नामक एक अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पहुचते है | हमें १८ जून २०१६ को स्वामी दीपांकर द्वारा किया गया ट्वीट मिला | ट्वीट में लिखा गया है कि “‘वॉक ऑफ पीस’ एक एतिहासिक, मंत्रमुग्ध, हार्ट टचिंग मार्च ऑफ इंटरफेथ संत #वाघा बॉर्डर #अमृतसर” | इस ट्वीट के साथ एक तस्वीर संग्लित है | पोस्ट कि हुई तस्वीर में हम अलग अलग धर्मों गुरुओं के हाथ में भारत का तिरंगा लहराते हुए देख सकते है | इस तस्वीर में हम स्वामी दीपांकर को भी तिरंगा लहराते हुए देख सकते है |
इसी ट्विटर अकाउंट से हमें १८ जून २०१६ को किया गया ट्वीट मिला जहाँ यह इस शांती मार्च का दृश्य हम एक विडियो के माध्यम से देख सकते है | ट्वीट में विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “Saints with flag as peace soldiers! A memorable patriotic moment at #wagahborder”! विडियो में हम अलग अलग धर्मों के संतों को हाथ में तिरंगा लेकर आगे बढ़ते हुए देख सकते है |
अलग अलग कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल सर्च करने पर येही तस्वीर हमें स्वामी दीपांकर गुरुजी के अधिकारिक वेबसाइट पर भी मिली |
यूट्यूब में २७ जून २०१६ को डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी द्वारा पोस्ट की गई इस मार्च का विडियो नीचे देखा जा सकता है |
ट्वीट में प्रकाशित की गयी तस्वीर की अगर सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर से तुलना की जाए तो हमें अंतर साफ़ नज़र आता है | मूल तस्वीर में हम पांच धार्मिक संतों को भारत का झंडा हाथ में लेकर जाते हुए देख सकते है |
निष्कर्ष : तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त तस्वीर को गलत पाया | कांग्रेस का झंडा तस्वीर में पांच संतों के हाथ में फोटोशोप का इस्तेमाल कर जोड़ा गया है | मूल तस्वीर में वह पांच धर्मगुरु भारत का तिरंगा लहराते हुए दिखते है |

Title:क्या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का झंडा पकड़े विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु रैली में निकले?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
