
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दिखाया गया है कि रेलवे पटरियों पर हज़ारों लोग चल रहे है जो थोड़ी देर बाद वहाँ से गुजरने वाली ट्रेन के लिए रास्ता छोड़ते हैं | इस ट्रेन पर छत से लेकर हर खली जगह पर हम लोगों को बैठे हुए देख सकते है |
वर्तमान लॉकडाउन के समय जब सैकड़ों प्रवासी कामगार अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए राजमार्गों पर लंबी दूरी पैदल तय कर रहे हैं ठीक उसी समय इस क्लिप को गलत सन्दर्भ के साथ साझा किया जा रहा है, | भारत में लॉकडाउन के तीसरे चरण में, केंद्र सरकार ने प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में लौटने की मदद करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय में विशेष ट्रेनों की घोषणा की है | इसी बीच उपरोक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा “यह वीडियो मुंबई से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन का है जो प्रवासियों को लेकर १० मई २०२० को निकली थी |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच कि शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल के मदद से यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम से हमें यह वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध मिला | इस वीडियो के शीर्षक में “बांग्लादेश रेलवे” लिखा गया है | इस वीडियो को १६ फरवरी २०१९ को अपलोड किया गया था |
इस वीडियो का हमें २५ फरवरी २०१८ को अपलोड किया हुआ २ मिनट ५० सेकंड का एक पुराना वीडियो मिला | वीडियो के विवरण के अनुसार इस वीडियो में दिखायी गयी ट्रेन बिस्वा इजतेमा स्पेशल ट्रेन है जिसे २०१८ में बिस्वा इजतेमा के दौरान चलाया गयी थी | बिस्वा इजतेमा , जो बांग्लादेश में मुसलमानों की सबसे बड़ी वार्षिक सभाओं में से एक है और जहाँ इन लोगों द्वारा नमाज़ तंगी नदी के किनारे १६० एकड़ के क्षेत्र में (टाँगी) में आयोजित की जाती है, यह इलाका ढाका के बाहरी क्षेत्र में है | बांग्लादेश रेलवे बिस्वा इजतेमा में भाग लेने वाले लोगों के लिए उनके देश की कई जगहों से तीन दिवसीय विशेष ट्रेन सेवा संचालित करती है |
इस वीडियो को PIB ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से खारिज करते हुए लिखा है कि यह बांग्लादेश की ट्रेन है और यह वीडियो २०१८ का है | यह श्रमिक स्पेशल ट्रेन नही है |
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो मुंबई से पश्चिम बंगाल को निकले प्रवासियों से भरी हुई ट्रेन नही है, बल्कि यह वीडियो २०१८ का है जब बांग्लादेश में मुसलमानों की सबसे बड़ी वार्षिक सभा, बिस्वा इजतेमा में हिस्सा लेने के लिये ये लोग ट्रेन पर सवार हुए थे |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | इस वीडियो को २०१८ में अपलोड किया गया था जिसे बिस्वा इजतेमा के दौरान लिया गया | इस वीडियो का लॉकडाउन के बीच प्रवासियों से सम्बंधित ट्रेनों से कोई संबंध नही है |

Title:बांग्लादेश से २ साल पुराने वीडियो को मुंबई से निकली प्रवासी ट्रेन के नाम से वाईरल किया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
