
इंटरनेट पर अकसर फर्ज़ी दस्तावेज़ की तस्वीर को साझा कर इन फर्जी दस्तावेजों को गलत व भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जाता रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी ऐसे कई दस्तावेज़ों का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिकता अपने पाठकों तक पहुंचाई है। हालही में रिलायंस जियो से संबन्धित एक दस्तावेज़ की तस्वीर वायरल हो रही है। उसमें लिखा है कि रिलायंस जियो ने फेडरल बैंक का अधिग्रहण10 बिलियन अमरीकी डालर के मूल्यांकन से किया है। दस्तावेज़ को पढ़ने पर समझ आता है कि यह कथित तौर पर रिलायंस जियो द्वारा जारी किया गया प्रेस रिलीज़ है।
इस दस्तावेज़ को साझा करते हुये दावा किया जा रहा है कि रिलासंय जियो ने फेडरल बैंक को खरीद लिया है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा दस्तावेज फर्ज़ी है। रिलायंस जियो द्वारा ऐसी कोई भी प्रेस रिलीज़ जारी नहीं की गई है।
जाँच की शुरुवात हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की, हमें इस सम्बन्ध में कोई भी विश्वसनीय समाचार लेख नहीं मिला जो इस बात की जानकारी दे रहा हो कि रिलायंस जियो ने फेडरल बैंक को खरीद लिया है। इसके बाद फैक्ट क्रेसेंडो ने रिलायंस इंडस्ट्रिज़ के मीडियो डिपार्टमेंट से संपर्क किया। हमने उनसे इस दावे की सच्चाई जानने की कोशिश की व इस दस्तावेज के बारे में पूछताछ की। उन्होंने हमें बताया कि, “तस्वीर में दिख रहा दस्तावेज फर्ज़ी है। रिलायंस जियो ने ऐसी कोई भी प्रेस रिलीज़ जारी नहीं की है। रिलायंस जियो ने फेडरल बैंक को खरीदा है, यह खबर गलत है। अगर आप इस दस्तावेज को देखेंगे तो इसमें आपको बहुत सी गलतियाँ नज़र आएगी। और अगर यह खबर सच होती तो हम खुद मीडिया को बुलाकर, प्रेस कॉन्फरेन्स में इसकी घोषणा करते।“
फिर हमने इस दस्तावेज़ को ध्यान से देखा व उसमें हमें कुछ गलतियाँ नज़र आयी। इसमें एक जगह रिलायंस का स्पेलिंग गलत है। इस दस्तावेज़ में आपको और भी कई छोटी-छोटी गलतियाँ नज़र आयेंगी।

रिलायंस के मीडिया डिपार्टमेंट ने हमें इस बात की भी जानकारी दी कि उन्होंने वायरल हो रहे पोस्ट के खिलाफ मुंबई के क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई है।
इसको ध्यान में रखते हुये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। हमें सी.एन.बी.सी18 द्वारा इस वर्ष 16 सितंबर को एक लेख प्रकाशित किया हुआ मिला। उसमें उन्होंने लिखा है कि वायरल हो रहा प्रेस रिलीज़ फेक है व रिलायंस ने इसके खिलाफ मुंबई के क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया है।

जाँच के दौरान हमने आर.बी.आई के आधिकारिक वैबसाइट पर यह लिखा हुआ पाया कि जब भी कोई बैंक विलय और अधिग्रहण होता है तो उसकी सूचना आर.बी.आई को देनी होती है व उनसे अनुमोदन लेना होता है। इस वजह फैक्ट क्रेसेंडो ने आर.बी.आई के प्रवक्ता योगेश दयाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “वायरल हो रहा दावा गलत है। तस्वीर में दिख रहा दस्तावेज़ भी फर्ज़ी है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।“
इसके बाद फैक्ट क्रेसेंडो ने फेडरल बैंक के सहायक उपाध्यक्ष अमित कुमार से संपर्क किया। उन्होंने इस खबर को गलत बताते हुये कहा कि, “यह खबर बिल्कुल झूठी है। दावे में उद्धृत राशि फेडरल बैंक द्वारा रखी गई संपत्ति की कुल राशि से काफी अधिक है। फेडरल बैंक को रिलायंस जियो ने नहीं खरीदा है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। यह दस्तावेज फर्ज़ी है। रिलायंस जियो ने ऐसी कोई भी प्रेस रिलीज़ जारी नहीं की है। रिलांयस जियो ने फेडरल बैंक को नहीं खरीदा है।
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|

Title:रिलायंस जियो द्वारा १० अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्यांकन पर फेडरल बैंक का अधिकग्रहण कर बैंकिंग इंडस्ट्री में कदम रखने की ख़बर देता दस्तावेज फर्जी है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
