घायल पुलिसकर्मियों का एक विचलित कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के जलगांव में हाफिज बेग नाम के मुस्लिम युवक ने छह साल की एक बच्ची का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी और जब पुलिसकर्मी उसे पकड़ने गए तो हाफिज के मुसलमान साथियों ने उन पर हमला कर दिया।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- 35 साल के हाफ़िज़ बेग ने 6 साल की मासूम का, रेप किया फिर निर्ममता से उसकी हत्या कर दी, हाफ़िज़ को अरेस्ट करने गयी महाराष्ट्र पुलिस पर वहां के नमाजी मुसलमानों ने ईंट पत्थरों लाठीयों से हमला कर दिया, 17 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल, भीड़ का कहना था कि 6 साल की बच्ची से रेप जायज़ है, आपके दो शब्द इन इंसानी जानवरो के लिए ?

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो से कुछ तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें एनडीटीवी इंडिया के यूट्यूब अकाउंट पर मिला। इसमें वायरल वीडियो में दिख रहे एक पुलिसकर्मी भी मौजूद थे।

22 जून 2024 को अपलोड की गई इस रिपोर्ट के अनुसार जामनेर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक इलाके में एक नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। आरोपी हत्या के बाद फरार हो गया था, जिसे बाद में पुलिस ने भुसावल से पकड़ा और जलगांव लेकर पहुंचे।

जब पीड़िता के परिजनों और आसपास के लोगों को इसकी सूचना मिली तो लोग आरोपी को भीड़ के हवाले करने की मांग करने लगे। लेकिन जब पुलिस ने मना किया तो उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की सर्च करने पर वायरल वीडियो की खबर हमें यहां, यहां और यहां (आर्काइव) पर भी दिखाई दी। इसमें आरोपी का नाम सुभाष भील बताया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, 11 जून को जामनेर स्थित एक गांव के एक आदिवासी नाबालिग की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपी की पहचान 35 वर्षीय सुभाष भील के रूप में हुई थी, जो घटना के बाद फरार हो गया था। जिसके बाद पुलिस ने 20 जून को सुभाष भील को भुसावल से गिरफ्तार किया और जलगांव लेकर आ गई।

करीब 300 लोगों की भीड़ जामनेर पुलिस स्टेशन के पास जमा हो गई और आरोपी को भीड़ को सौंपने की मांग करने लगी। इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई। इस हमले में जामनेर थाने के इन्स्पेक्टर किरण शिंदे समेत करीब 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

स्पष्टीकरण के लिए लिए हमने जलगांव पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने हमें स्पष्ट किया कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। आरोपी और पीड़ित दोनों आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, जामनेर की इस घटना में आरोपी के मुस्लिम होने का वायरल दावा फर्जी है। साथ ही भीड़ ने आरोपी को बचाने के लिए नहीं, बल्कि आरोपी को उन्हें सौंपने की मांग को लेकर पुलिस पर हमला किया था।

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Title:महाराष्ट्र की इस घटना में आरोपी के मुस्लिम होने का दावा फर्जी, नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल…

Fact Check By: Sarita Samal

Result: Misleading