
२७ अक्टूबर २०१९ को “Hummayu Basharat” नामक फेसबुक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “कश्मीरी मुसलमानों पर भारतीय पुलिस द्वारा किया गया अत्याचार” | वीडियो में हम पुलिस को कुछ लोगों को लाठियों से पीठते हुए गिरफ्तार करते हुए देख सकते है | इस वीडियो को सोशल मंचों पर काफी तेजी से साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हाल के कश्मीर का दृश्य है जहाँ भारतीय पुलिस कश्मीरी मुसलमानों को इस तरह से पीटते हुए अत्याचार कर रही है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह वीडियो १३००० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुका था |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस वीडियो को इन्विड टूल का इस्तेमाल करते हुए छोटे कीफ्रेम्स में तोडा व गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया जिसके परिणाम से हमें वायरल वीडियो का एक लम्बा अंश मिला | इस वीडियो को यूट्यूब पर १३ नवम्बर २०१७ को डेली एक्सेलसिओर नामक यूट्यूब चैनल द्वारा अपलोड किया गया था | १४ सेकंड से हम सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाए गये दृश्य को देख सकते है | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “बेदखली के विरोध में गुर्जरों ने पशुधन के साथ लाल सिंह के आवास को ब्लॉक कर दिया |”
इसके पश्चात हमने उपरोक्त शीर्षक से जुड़े ख़बरों को ढूँढा जिसके परिणाम से हमें राइजिंग कश्मीर और ग्रेटर कश्मीर में इस घटना से संबंधित रिपोर्ट मिलीं | १५ नवंबर २०१७ को प्रकाशित खबर के अनुसार गुर्जर समुदाय के सदस्यों ने यह विरोध प्रदर्शन वन मंत्री चौधरी लाल सिंह के आवास के बाहर किया था | चौधरी लाल सिंह के खिलाफ गुर्जर समुदाय के कुछ सदस्यों के कथित निष्कासन को लेकर यह विरोध प्रदर्शन हुआ था | आंदोलनकारियों ने अपने पशुओं को नेता के आवास में धकेलने का प्रयास किया था और हालात बिगड़ते देख पुलिस कर्मियों ने माहौल को संभालने के लिए लाठी चार्ज कर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के सामने हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | जम्मू में गुर्जरों के विरोध के दो साल पुराने वीडियो को कश्मीर में मुसलमानों पर भारतीय पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के रूप में साझा किया गया है |

Title:जम्मू में गुर्जर विरोध के पुराने वीडियो को वर्तमान में मुसलमानों पर पुलिस बर्बरता का बताया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
