
सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस संक्रमण की अलग अलग अफ्वाओं के चलते एक वीडियो सामने आया है जिसके माध्यम से दावा किया गया है कि बिहार के बेतिया में एक पोलिसकर्मी कोरोनावायरस से संक्रमित है | वीडियो में हम एक कथित रूप से बीमार पुलिसकर्मी को तड़पते व अन्य पुलिसकर्मीयों को उसकी मदद करते हुए देख सकते है |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिये हमने बेतिया की एस.पी नताशा गुडिया से बात करने से की, उन्होंने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर इस वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है क्योंकि यह वीडियो मूल तौर पर एक मोक ड्रिल का है | यह मोक ड्रिल मंडल कारा की जेल में हुई थी |”
इसके पश्चात हमने गूगल पर कीवर्ड्स के माध्यम से इस मोक ड्रिल से सम्बंधित ख़बरों को ढूंडा, जिसके परिणाम में हमें ११ अप्रैल २०२० को जागरण द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली, जिसके अनुसार “कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए तैयारियों के जायजों के मद्देनजर गुरुवार को जेल में हुए मॉक ड्रिल का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो कई वाट्सएप ग्रुप में चलने लगा | शुक्रवार को वीडियो वायरल होते ही शहर में हड़कंप मच गया | लोगों में भय व्याप्त हो गया कि कोरोनावायरस बेतिया को भी अपने गिरफ्त में ले लिया। सच्चाई जानने के लिए मीडिया कर्मियों सहित लोगों की फोन की घंटियां घनघनाने लगी | हालांकि जब लोगों को पता चला कि जेल का कोई सिपाही कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है | वायरल वीडियो मॉक ड्रिल का है, तो लोगों ने राहत की सांस ली |”
१२ अप्रैल २०२० को फेसबुक पर समस्तीपुर टुडे ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि “बिहार के जेलों में कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम के लिए किया गया मॉक ड्रील |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो बेतिया के पुलिसकर्मी का कोरोनावायरस संक्रमण का नही है बल्कि यह वीडियो बेतिया जेल में हुई मोक ड्रिल का है |

Title:बिहार के बेतिया में मोक ड्रिल का वीडियो कोरोनावायरस संक्रमण के नाम से हुआ वायरल |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
