इस घटना में पीड़ित और आरोपी दोनों ही हिंदू है। इस घटना का मुस्लिम समुदाय से कोई संबन्ध नहीं है।

इन दिनों एक सीसीटीवी फूटेज इंटरनेट पर वायरल हो रही है। उसमें आप देख सकते है कि आप कुछ युवकों को एक लड़के को मारते हुये देख सकते है। और फिर कुछ समय बाद वह लड़का ज़मीन पर बेहोश होकर गिर जाता है। दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में मुस्लिमों ने 17 साल के युवक मनोज नेगी की बहन को छेड़ा था और जब मनोज ने इसका विरोध किया तो उन्होंने चाकू गोदकर उसकी हत्या कर दी।

वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है, “बहन से छेड़खानी का विरोध किया तो 17 साल के युवक मनोज नेगी की चाकुओं से गोद गोद कर हत्या कर दी गयी। कुछ दिन इसी इलाक़े के पास में कुछ दिन पहले नितेश जाट की भी पीट-पीट कर हत्या की थी। अरविंद केजरीवाल और दूध पिलाओ आस्तीन के सांपों को।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

इस वीडियो की जाँच हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च कर की। हमें यही वीडियो 29 अक्टूबर को रिपब्लिक भारत के चैनल पर प्रसारित किया हुआ मिला। इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि दिल्ली के पटेल नगर में 17 साल के युवक की उसके घर के सामने ही चाकु से गोदकर हत्या कर दी गयी। उस शख्स की बहन से छेड़छाड़ हुई थी, और उसका विरोध करने पर उसकी हत्या की गयी।

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दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना 28 अक्टूबर की है। पीड़ित युवक कंप्यूटर की कोचिंग कर लोट रहा था। तभी उसके घर के पास की गली में दो लड़को ने उसे घेर लिया और उसकी पीठ पर चाकू चलाकर वहां से भाग गये। उसके बाद पीड़ित ने मदद मांगने के लिये फोन निकाला पर वहीँ गिर गया। जब उसको अस्तपाल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सीसीटीवी फूटेज की मदद से पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

उपर दिये गये न्यूज़ रिपोर्ट में कही भी ऐसा नहीं लिखा है कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से थे। फिर हमने दिल्ली के पटेल नगर पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी कुलदीप सिंह से बात की। उन्होंने हमें बताया, “आरोपी और पीड़ित दोनों हिंदू समुदाय से ही थे और पड़ोसी थे। किसी बात को लेकर उनमें कहासुनी हो गयी। पूरी घटना एक छोटी सी लड़ायी के रूप में शुरू हुयी थी। लेकिन फिर आरोपी ने सब्जी काटने वाले चाकू से पीड़ित पर वार कर दिया। इसमें दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह दावा झूठा है कि दो मुस्लिम लड़कों ने एक हिंदू लड़के की हत्या कर दी, वे तीनों ही हिंदू थे।”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। इस हादसे में आरोपी और पीड़ित दोनों एक ही समुदाय से है। इसमें मुस्लिम समुदाय का कोई संबन्ध नहीं है।

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Title:दिल्ली में युवक की हत्या को सांप्रदायिकता से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Samiksha Khandelwal

Result: False