जाटव समुदाय के लोगों द्वारा निकाले गए अंबेडकर जयंती के जुलूस के खिलाफ ठाकुर समुदाय के लोगों का एक ग्रुप आपत्ति जताते हुए की थी पथराव। एसपी मार्टंड प्रकाश सिंह ने स्पष्ट किया कि पथराव की घटना में शामिल लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं था।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर, उत्तर प्रदेश के मथुरा में जय भीम समर्थकों की शोभा यात्रा में भाग लेने वालों पर पथराव किया। घटना को हिंदू-मुस्लिम के ऐंगल से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में जहां नीले रंग के स्कार्फ में कुछ लोगों को पुलिस के साथ देखे जा सकते हैं। वहीं कुछ लोग चेहरे पर स्कार्फ बांधे छत पर और सड़क पर खड़े नजर आ रहे हैं। इसके अलवा सड़क पर हुए पथराव भी देखे जा सकते हैं।
वायरल वीडियो के साथ यूजर्स ने लिखा है- अम्बेडकर जयंती पर निकलने वाली शोभा यात्रा को मुस्लिमों ने ईंट पत्थर फेंक कर रोका। जय भीम=मीम एकता के प्रस्तावक अभी कहाँ छुप गए, जो हमारे भाइयों को भ्रमित कर रहे हैं भटका रहे हैं। ईसाई मिशनरियों के इसारे पर देश मे हिंदुओं को टुकड़े करने का ठेका उठाने वाले रावण जैसे क्यों चुप हैं, मेरे भाइयों कम से कम इतना तो समझ सकते हो, जय भीम जय मीम के प्रस्तावों के बहकावे में आकर भ्रमित होने से बचो। एक ही जगह से ऑपरेट होने वाले एक ही थाली में बिरयानी नोचने वाले Asaduddin Owaisi और ChandraShekhar Azad Ravan द्वारा फ़ैलाये गए जातिवाद के कुचक्र में मत उलझो सनातनी हो सनातनी की तरह जियो भारत को तोड़ने वाली साजिश और साजिश कर्ता से बचो।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए अलग अलग कीवर्ड से खबर ढूंढने की कोशिश की। परिणाम में हमें वायरल वीडियो के घटना को लेकर कई खूर प्रकाशित मिले। जिसमें यहां, यहां और यहां पर देखा जा सकता है।
प्रकाशित खबरों के मुताबिक घटना 14 अप्रैल 2023 की है। जैत थाना क्षेत्र के तहत मथुरा के भारतीय गांव में अम्बेडकर जयंती शोभा यात्रा के दौरान हुई थी। जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव किया गया था।
प्रकाशित खबरों में कहीं भी मुस्लिम समुदाय के लोगों का जिक्र नहीं किया गया है.
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जाटव समुदाय के लोगों द्वारा निकाले गए अंबेडकर जयंती के जुलूस के खिलाफ ठाकुर समुदाय के लोगों का एक ग्रुप आपत्ति जता रहा था।
खबर में एक स्थानीय निवासी ने कहा है कि अंबेडकर जयंती से एक दिन पहले, गांव में सभी समुदायों की एक बैठक आयोजित की गई थी। प्रस्तावित उत्सव पर किसी ने भी आपत्ति नहीं की थी। प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद पहली बार गांव में शोभायात्रा निकाली गई। उच्च जाति के लोगों का एक समूह अपने घरों के सामने से शोभायात्रा के गुजरने का विरोध कर रहा था। उन्होंने जातिवादी गालियां दीं और बाद में पथराव शुरू कर दिया।

इस घटना में नौ ज्ञात और 30-40 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ़ जुलूस को रोकने और पथराव करने के आरोप में FIR दर्ज़ की गई थी। सूरजभान (55 साल), हुकुम सिंह (24 साल) और प्रताप सिंह (28 साल) के रूप में पहचाने गए तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया ।
स्पष्टीकरण के लिए हमने मथुरा एसपी मार्टंड प्रकाश सिंह से हमने संपर्क किया, तो उहोंने स्पष्ट किया कि इस पथराव की घटना में शामिल लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं था। यह घटना भरतीया गांव में हुई थी जो की जैत थाना में पड़ता है और उस गांव में एक भी मुस्लिम घर नहीं है। यह पहली बार था जब गांव में शोभायात्रा निकाली गई। दुसरे जाती के लोगों जैसे की ब्राह्मण और ठाकुर ने इसका विरोध किया था। मौके पर पुलिस पहुंचने के कारण कोई हादसा नहीं हुआ। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा पुरी तरह से गलत है।
घटना की एफआईआर कॉपी हमें जैत पुलिस स्टोशन से मिली। निम्न में एफआईआर कॉपी देखें। जिसमें गिरफ्तार किए गए आरोपी में कोई भी मुस्लिम समुदाय से नहीं है।
Jai-Bheem-Rally-Mathura-FIRजांच में आगे हमें मथुरा पुलिस का एक ट्वीट मिला। जिसके मुताबिक, गांव में हुई इस घटना में कोई पुलिस अधिकारी या नागरिक घायल नहीं हुआ है।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। मथुरा में अम्बेडकर जयंती शोभा यात्रा के दौरान पथराव की इस घटना में कोई भी मुसलमान शामिल नहीं थे।

Title:मथुरा में अंबेडकर जयंती शोभा यात्रा के दौरान मुसलमानों ने नहीं किया था पथराव, दावा भ्रामक..
Fact Check By: Sarita SamalResult: False
