क्या स्विटज़रलैंड में मुस्लिम शरणार्थियों द्वारा स्विज़ राष्ट्रीय फ्लैग से क्रास को हटाने की मांग को लेकर स्विज़ राष्ट्रीय फ्लैग को जलाया गया?

False International Political

स्वीडन में हाल ही में भड़के दंगों की पृष्ठभूमि को आधार रख, भारतीय सोशल मीडिया पर इन दंगों को लेकर काफी पोस्ट साझा किये गये हैं, जिनमें से अधिकतर अलग अलग जगहों पर हुई घटनाओं को स्वीडन का बता वायरल किया जा रहा था, ऐसा तब हुआ जब डेनिश पार्टी के सदस्यों द्वारा कुरान की एक प्रति जलाये जाने के बाद स्वीडिश शहर माल्मो में 28 अगस्त को हिंसा भड़कते देखा गया था, इसके पश्चात कुछ दिनों बाद,  नॉर्वे से भी इस्लाम विरोधी रैली के दौरान हुई झड़पों की खबरें भी सामने आईं थी| इन्हीं सब के बीच सोशल मंचो पर एक तस्वीर को साझा कर ये कहा जा रहा है कि, स्विट्जरलैंड के मुस्लिम शरणार्थियों द्वारा स्विट्जरलैंड के राष्ट्रिय ध्वज से क्रास निकलने की मांग करते हुये इनके द्वारा  स्विट्जरलैंड का राष्ट्रीय ध्वज जलाया गया था, इस घटना को २००१९ की बताया जा रहा है|

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “पिछले साल स्विट्ज़रलैंड में रहने वाले मुस्लिम शरणार्थियों ने स्विस झंडे से क्रास को हटाने की मांग की| कोई भी समुदाय उस देश के प्रति इतना अकृतज्ञ कैसे हो सकता है कि जिसने उनको  उन्हें शरण दी है?

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें गेट्टी इमेजेज पर यह तस्वीर उपलब्ध मिली | तस्वीर में दिए गये विवरण के अनुसार यह तस्वीर २३ फरवरी २००६ में पाकिस्तान के कराची में खीची गयी थी | शीर्षक के अनुसार पाकिस्तान के मुसलमानों द्वारा डेनिश झंडे को जला गया था | इस तस्वीर को ए.ऍफ़.पी (A.F.P) के फोटोग्राफर रिजवान तबसुम ने खीचा है | विवरण में लिखा गया है कि “पाकिस्तानी मुसलमानों ने 23 फरवरी 2006 को कराची में एक प्रदर्शन के दौरान एक डेनिश झंडा जलाया। पाकिस्तानी कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टियों ने कई यूरोपीय अखबारों में पैगंबर मोहम्मद के चित्रण वाले कार्टून के प्रकाशन की निंदा करते हुए देश व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखा। पश्चिमी व्यापारों को लक्षित करने वाले लाहौर और पेशावर में कार्टून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पिछले सप्ताह पांच लोगों की मौत हो गई |”

कीवर्ड सर्च करने पर हमें “द गार्डियन” और “न्यू यॉर्क टाइम्स” द्वारा प्रकाशित खबरें मिली जिसमे पैगम्बर मुहम्मद के कार्टून चित्रण को लेकर विवाद के बारें में लिखा गया था | पैगंबर मुहम्मद कार्टून विवाद एक डेनिश समाचार पत्र जाइल्ड्स-पोस्टेन द्वारा 19 सितंबर, 2005 को शीर्षक “द फेस ऑफ मुहम्मद” के तहत पैगंबर के एक दर्जन कार्टून प्रकाशित करने के बाद शुरू हुआ था |

2005 में और 2006 में कार्टून के विरोध में दुनिया भर में हजारों लोगों ने विरोध किया और सैकड़ों लोग मारे गए | कई पश्चिमी अखबारों ने कार्टूनिस्ट कर्ट वेस्टरगार्ड के कार्टून को फिर से छापा, जो विवाद का कारण बना था | पश्चिमी अखबारों द्वारा कार्टून को वापस से छापने के खिलाफ हुए विरोध के दौरान वायरल तस्वीर को लिया गया था |

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक 

नीचे आप स्विट्ज़रलैंड और डेनमार्क के राष्ट्रीय झंडों की तुलनात्मक तस्वीर देख सकते है, जिससे हम स्पष्ट हो सकते है कि वायरल तस्वीर डेनमार्क का ही झंडा है |

प्रदर्शनकारी डेनिश समाचार पत्र जाइल्ड्स-पोस्टेन द्वारा छापे कार्टून से आहत थे व अपनी नाराजगी दर्ज करने के लिए उनके द्वारा कराची में विरोध प्रदर्शन किया गया था,  झंडे पर क्रास को लेकर विरोध करने वाली बात व स्विटज़रलैंड में मुस्लिम शरणार्थियों द्वारा स्विज़ राष्ट्रीय फ्लैग जलाने का दावा गलत है | 

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह पाकिस्तान से 2006 की तस्वीर है जहां लोगों ने पश्चिमी अखबारों में पैगंबर मोहम्मद के चित्रण का विरोध करते हुए डेनिश झंडा जलाया था |

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Title:क्या स्विटज़रलैंड में मुस्लिम शरणार्थियों द्वारा स्विज़ राष्ट्रीय फ्लैग से क्रास को हटाने की मांग को लेकर स्विज़ राष्ट्रीय फ्लैग को जलाया गया?

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False