
५ जून २०१९ को शिव राजपूत नामक एक फेसबुक यूजर ने कुछ तस्वीरें पोस्ट की | तस्वीरों के शीर्षक में लिखा गया है कि “श्रीनगर में नमाज के बाद सेना पर पत्थर बाजी जारी, क्या इनको देखते ही ठोक देना चाहिये,???” | तीनों तस्वीरों में से पहली तस्वीर में हम कुछ लोगों को पत्थरबाजी करते हुए देख सकते है | दूसरी तस्वीर में हम एक घायल भारतीय पुलिस को देख सकते है | तीसरी तस्वीर में हम भारतीय सेना की क्षतिग्रस्त बस देख सकते है | तस्वीरों के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह दृश ५ जून को मनाई गई ईद के तुरंत बाद के है और श्रीनगर के है | श्रीनगर में ईद की नमाज के बाद लोग पत्थर बाजी कर रहे है और पुलिस व उनके गाड़ियों की तोड़फोड़ कर रहे है | यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ५०० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
क्या वास्तव में श्रीनगर की आम जनता ने ईद की नमाज के बाद जवानों पर इस तरह पत्थरबाजी की ? हमने इस तस्वीरों की सच्चाई जानने की कोशिश की |
संशोधन से पता चलता है कि..
जांच की शुरुआत हमने हर एक तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की |
Image 1– गूगल सर्च के परिणाम से हमने पाया कि यह तस्वीर यूथ की आवाज़ नामक एक वेबसाइट द्वारा प्रतिनिधित्व हेतु इस्तेमाल किया गया है | इस तस्वीर के नीचे लिखा गया है कि मूल तस्वीर रायटर द्वारा खिंची गई है और फोटोग्राफर का नाम डेनिश इस्माइल है |
रायटर की वेबसाइट पर डेनिश इस्माइल द्वारा खिंची तस्वीरों में ढूँढने पर हमें मूल तस्वीर मिली | यह तस्वीर १५ जनवरी २०१६ को डेनिश इस्माइल ने श्रीनगर में खिंची थी | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कश्मीरी प्रदर्शनकारी ने भारतीय पुलिस पर पत्थर फेंके |”
ग्रेटर कश्मीर ने घटना की सूचना देते हुए कहा कि जामा मस्जिद में शुक्रवार की प्रार्थना के बाद नौहट्टा में युवाओं और बलों के बीच झड़पें हुईं | युवकों ने आजादी समर्थक नारे लगाने शुरू कर दिए थे और पुलिस और अर्धसैनिक बलों को प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए आंसू गैस के कनस्तरों का इस्तेमाल करना पड़ा |
Image 2- गूगल सर्च के परिणाम से हमने पाया कि यह तस्वीर २४ अगस्त २०१६ की है | न्यूज़८५ द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार भाजपा ने लखनऊ विधानसभा का घेराव किया और इस दौरान पुलिस व भाजपाइयों के बीच जमकर भिडंत हुई | हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया | पथराव और लाठीचार्ज में एक सांसद समेत कई भाजपा कार्यकर्ता व कुछ पुलिस के जवान घायल हुए |
पत्रिका व इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है |
Image 3- गूगल सर्च के परिणाम से हमने पाया कि यह तस्वीर २६ जून २०१६ की है | द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित खबर में लिखा गया है कि “पंपोर हमले में मारे गए आठ सीआरपीएफ जवान, लश्कर-ए-तैयबा ने हमला करवाने का दावा किया है |” हमले की जिम्मेदारी लेते हुए, लश्कर-ए-तैयबा ने कहा कि यह हमला दो सदस्यीय फिदायीन दस्ते द्वारा किया गया था | लश्कर के प्रवक्ता ने भी भविष्य में इसी तरह के हमलों की चेतावनी दी |
इस खबर को क्विंट द्वारा भी प्रसारित किया गया है |
निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | साझा की गयी तस्वीरें ३ साल पुरानी है और उनका आपस में कोई संबंध नहीं है | इन तस्वीरों को असंबंधित व गलत दावों के साथ लोगों को भ्रमित करने के लिए साझा किया जा रहा है |

Title:क्या श्रीनगर में नमाज के बाद सेना के जवानों पर पत्थर बाजी की गई ?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
