यह वीडियो कर्नाटक के कलबुर्गी में दो साल पहले हुए रामनवमी के जुलूस का है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मस्जिद के सामने जुटी भीड़ को देखा जा सकते है। लोगों के हात में नारंगी रंग के झंडे भी है। दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के अमरावती शहर में मुस्लिम समुदाय ने त्रिपुरा हिंसा का विरोध करते हुए बंद घोषित किया था। जिसके बाद भाजपा वालों ने इसका विरोध करने के लिए यह रैली निकाली थी।

वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है,“त्रिपुरा दंगे के खिलाफ मुसलमानों ने कल किए गए बंद के बाद आज भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र के अमरावती में कर्फ्यू। हिंदुइज़म और हिंदुत्व को समझने के लिए इससे बढ़िया उदाहरण नहीं मिलेगा। हिंदुइज्म की रक्षा करना ही हिंदुत्व का काम है। जय जय श्री राम”

फेसबुक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुआत में यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च से हमें हिरेमथ वरुण नामक चैनल पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो में दिखाई गई कई तस्वीरें वायरल वीडियो से मिलती-जुलती है। इसके साथ दी गई जानकारी के मुताबिक यह वीडियो वर्ष 2019 में गुलबर्गा में हुए रामनवमी के जुलूस का है। आपको बता दें कि यह वीडियो 13 अप्रैल 2019 को प्रसारित किया गया था।

आर्काइव लिंक

इसके बाद उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। हमें ANI द्वारा 22 अप्रैल 2019 को प्रसारित ऐसा ही एक वीडियो मिला। इस वीडियो में भी आप वायरल हो रहे वीडियो जैसी तस्वीरें देख सकते है।

इस वीडियो के साथ दी गई जानकारी में लिखा है कि कलबुर्गी में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राम नवमी के जुलूस के दौरान हिंदुओं को जूस (फलो का रस) वितरित किया था। इस वीडियो में जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक यह वीडियो कलबुर्गी ज़िले के कादरी चौक में स्थित एक मस्जिद के सामने का हैं।

आर्काइव लिंक

जाँच के दौरान हमें ANI न्यूज़ द्वारा किया गया एक ट्वीट भी मिला। उसमें केलबुर्गी में हुए इस जुलूस की तस्वीरें प्रकाशित की गई है। ट्वीट में दी गई जानकारी में यही लिखा है कि यह तस्वीरें कर्नाटक में स्थित कलबुर्गी में हुए रामनवमी के जुलूस की है। यह ट्वीट 13 अप्रैल 2019 को किया गया था।

आर्काइव लिंक

आप देख सकते है कि यह तस्वीरें वायरल हो रहे वीडियो में प्रसारित तस्वीरों से काफी मिलती-जुलती है। आपको नीचे दी गई तुलनात्मक तस्वीर में वायरल हो रहे वीडियो व मूल वीडियो से ली गई तस्वीरें दिखेगी।

इससे हम यह समझ सकते है कि वायरल हो रहा वीडियो वर्तमान का नहीं है और वह कलबुर्गी का है।

आगे बढ़ते हुए हमें इस जुलूस के बारे जनसत्ता द्वारा 13 अप्रैल 2019 को प्रकाशित किए हुए लेख में और भी जानकारी मिली। आप अधिक जानकारी पाने के लिए उस लेख को पढ़ सकते है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो वर्ष 2019 में कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई रामनवमी की रैली का है। इसका त्रिपुरी हिंसा या फिर महाराष्ट्र से कोई संबन्ध नहीं है।

Avatar

Title:क्या यह वीडियो मुस्लिमों ने महाराष्ट्र में पुकारे बंद के विरोध में भाजपा ने निकाली रैली का है?

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False