गुजरात के अंबाजी मंदिर का मॉक ड्रिल वीडियो,एक आतंकवादी हमले के रूप में गलत तरीके से फैलाया जा रहा है |

False National Political

४ अगस्त २०१९ को “रवि डॉन” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक विडियो पोस्ट किया, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “गुजरात के मां अम्बाजी मंदिर में 2 आतंकवादी घुसे 1मारा गया और एक को जिंदा पकड़ा गया देखें वीडियो में ….शाबाश गुजरात पुलिस” | ४५ सेकंड का एक लंबा वीडियो, जिसमें कुछ पुलिस कर्मियों को एक व्यक्ति को फर्श पर घसीटते हुए दिखाया गया है और बाद में पुलिसवाले उस व्यक्ति को निरस्त्र करते हुए देखे जा सकते हैं, इस विडियो को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर करते हुए यह दावा किया गया है कि वह व्यक्ति एक आतंकवादी था जिसे गुजरात पुलिस ने अंबाजी मंदिर के परिसर के अंदर गोली मार दी थी | साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि दो आतंकवादियों ने अंबाजी मंदिर पर धावा बोला था, जिसमे से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को जिंदा पकड़ लिया गया है | इस विडियो को सोशल मीडिया पर काफ़ी तेजी से फैलाया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट १३०० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

संशोधन से पता चलता है कि…

जांच की शुरुआत हमने इस विडियो को इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए छोटे की फ्रेम्स में तोडा व गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम में हमें ३० मार्च २०१९ को दिव्या भास्कर द्वारा प्रकाशित खबर मिली, जिसके अनुसार यह विडियो गुजरात के अंबाजी मंदिर के अंदर हुए एक मॉक  ड्रिल का है |

आर्काइव लिंक 

यूट्यूब पर हमें ICBI News द्वारा प्रसारित खबर मिली, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “गुजरात के अंबाजी मंदिर में पुलिस द्वारा किया गया मोक ड्रिल कार्यक्रम” |

इसके पश्चात हमने बनासकांठा के जिला कलेक्टर संदीप सांगले से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि, “जिला पुलिस द्वारा अक्सर मॉक  ड्रिल किया जाता है, यह विडियो भी ऐसी एक मॉक ड्रिल को दर्शाता है और मंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस प्रकार का प्रशिक्षण आमतौर पर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किये जाते हैं।

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इसके पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट के बारे में बनासकांठा के एसपी प्रदीप सेजल से बात की, उन्होंने हमें बताया कि “ये विडियो एक मॉक ड्रिल का है, जिसे किसी भी समय आतंकवादी हमलों या घटनाओं से निपटने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण के रूप में पुलिस द्वारा आयोजित किया जाता है | ये मॉक ड्रिल एक एहतियाती उपाय था जिसमें लोगों को बचाने के लिए व आतंकवादी को जिंदा पकड़ने का अभ्यास किया गया है” |

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निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है क्योंकि गुजरात के अम्बादेवी मंदिर में हुए मॉक ड्रिल का एक वीडियो गलत दावें के साथ वायरल किया जा रहा है | 

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Title:गुजरात के अंबाजी मंदिर का मॉक ड्रिल वीडियो,एक आतंकवादी हमले के रूप में गलत तरीके से फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False