पीएम मोदी ने आरक्षण को लेकर ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है। असल में वो राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए नेहरू की लिखी चिट्ठी के अंश पढ़ रहे थें और उन्हें आरक्षण विरोधी कह रहे थें।

अभी हाल ही में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बजट सत्र का आयोजन हुआ। जिसमें पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया था। उस दौरान पीएम मोदी ने बहुत सी बातें कही थीं। उसी बजट सत्र का एक वीडियो क्लिप सोशल मंचों पर जम कर साझा किया जा रहा है। जिसमें पीएम मोदी को यह कहते सुना जा सकता है कि वो किसी भी आरक्षण के खिलाफ हैं। वो कह रहे हैं कि मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता, और खासकर नौकरी में आरक्षण में तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे। फेसबुक रील में प्रचारित इस वीडियो क्लिप को सच मानते हुए यूज़र द्वारा इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि अब वो आरक्षण के खिलाफ हो गए हैं और ऐसे बातें कह रहे हैं।वायरल हुए इस वीडियो क्लिप में यह लिखा गया है कि…
साथियों आरक्षण ख़त्म करने की तयारी हो चुकी है। 2024 के बाद क्या होगा इस वीडियो में साफ़ साफ दिखाई दे रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने वीडियो की जाँच के लिए प्रासंगिक कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया। जिसमें हमें मीडिया रिपोर्ट्स प्रकाशित मिले। हमने डीडी न्यूज़ के एक्स हैंडल पर वायरल वीडियो वाला मूल वर्जन साझा किया हुआ देखा। जिसके साथ ट्वीट में यह लिखा था कि पीएम मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे पत्र को संदर्भित करते हुए सदन में कहा कि नेहरू ने लिखा था कि, “मुझे किसी भी प्रकार का आरक्षण पसंद नहीं है, विशेषकर नौकरियों में; मैं ऐसी किसी भी चीज के सख्त खिलाफ हूं,जो अकुशलता को बढ़ावा देती है। इससे हमें यह समझ आया कि पीएम मोदी का वायरल वीडियो इसी वीडियो से अधूरा काट कर फैलाया गया है। निम्न में वीडियो देखें।
क्यूंकि वायरल वीडियो में संसद टीवी का लोगो लगा दिख रहा है और इसके टिकर में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लिखा है। यह स्पष्ट करता है कि यह वीडियो क्लिप बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का है। इसलिए हमने संसद टीवी के माध्यम से और वीडियो खोजा। फिर हमने संसद टीवी के यूट्यूब पर इसी वीडियो का लम्बा वर्जन देखा जो 7 फरवरी 2024 में अपलोड किया गया है। इस वीडियो में 39 मिनट 20 सेकेंड से लेकर 41 मिनट 54 सेकंड वाले टाइम फ्रेम तक वायरल क्लिप का वर्जन दिखाई देता है।
इसमें मोदी कहते हैं कि “एक बार नेहरू जी ने उस समय के मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी। मैं उसका अनुवाद पढ़ रहा हूं। ये ऑन रिकॉर्ड है। मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए। ये पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को लिखी हुई चिट्ठी है। और तब जाकर में ये कहता हूं कि ये जन्मजात आरक्षण विरोधी हैं। नेहरू जी कहते थे अगर एससी, एसटी, ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा।”
अंत में हमने वायरल वीडियो और मूल वीडियो के बीच की तुलना कर ये साफ़ किया कि वायरल वीडियो में से नेहरू वाले हिस्से को हटा दिया गया है। जिससे ये लग रहा है कि मोदी आरक्षण विरोधी बात कर रहे हैं। निम्न में वीडियो का विश्लेषण देखें।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पीएम मोदी का वायरल बयान आरक्षण विरोधी नहीं है। ये वीडियो अधूरा काट कर भ्रामक दावे से साझा किया गया है।
निष्कर्ष-
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया था। जहां उन्होंने नेहरू की लिखी चिट्ठी के अंश को पढ़ा और उससे आरक्षण पर बात की थी। उसी वीडियो के आधे-अधूरे हिस्से को साझा किया जा रहा है। जो यह प्रतीत करता है कि उन्होंने संसद में आरक्षण विरोधी बयान दिया था।
