2021 में बांग्लादेश में हुए विरोध के वीडियो को बंगाल में मुसलमानों द्वारा सेना के काफिले पर हमले के नाम से वायरल।

False Political

वायरल वीडियो 2021 में भारत के प्रधानमंत्री मोदी के बांग्लादेश दौरे के समय किये गये विरोध प्रदर्शन का है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में प्रदर्शनकारियों को लाठियों के साथ एक रक्षा बल के वाहन में बाधा डालते हुए दिखाया गया है, जिन्होंने बदले में यह दावा करते हुए जाने की अनुमति देने के लिए कहा कि वे एक मरीज के साथ एक एम्बुलेंस का मार्गरक्षण कर रहे हैं। एंबुलेंस की जांच के बाद प्रदर्शनकारी भड़क जाते है।

इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है ये वीडियो पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले से है जहाँ बांग्लादेशी मुसलमानों  द्वारा सेना के काफिले रोके जा रहे है। आगे कहा जा रहा है कि सेना के एम्बुलेंस में एक घायल सीआरपीएफ का जवान भी था जिसे अस्पताल जाने से रोका गया।

वायरल वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “*पश्चिम बंगाल* पश्चिम बंगाल का मालदा जिला जहाँ बांग्लादेशी मुसलमानो द्वारा सेना के काफिले को लाठी डंडा राड तलवार से रोकते हुए उस काफिले में सेना का घायल जवान था जिसे बलपूर्वक पीछे जाने को मजबूर कर दिया गया यह दृश्य आपके शहर गली मोहल्ले में भी जल्द ही आने वाला है। सरकार,पुलिस, फौज सबको इनसे जान बचानी मुश्किल है। *एक घायल सीआरपीएफ के जवान को अस्पताल ले जाने के लिऐ रोक दिया गया।*यह दृश्य आप के अपने शहर या गली में जल्दी आनेवाला है।”

फेसबुक पोस्टआर्काइव लिंक 

ये वीडियो फेसबुक पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है। इस वीडियो को 2021 में शेयर किया गया था।

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखने से की, परिणाम से हमने पाया कि गाड़ी का नंबर रजिस्ट्रेशन बांग्ला में लिखा हुआ है। वीडियो में लोगों के बीच बोली जाने वाली बांग्लादेश मूल बंगाली भी सुनी जा सकती है।

हमें वाहन पर एक लोगो का स्टिकर भी मिला, जिसे वीडियो में दिख रहे सेना के जवानों की वर्दी पर भी देखा जा सकता है।

आगे हमने यह भी देखा कि सेना की वर्दी पर भी “एएमसी” शब्द लिखा हुआ है। गूगल पर कीवर्ड्स “एएमसी और बांग्लादेश” सर्च करने पर हमने पाया कि एएमसी का मतलब बांग्लादेश में आर्मी मेडिकल कोर्प्स है।

की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें बांग्लादेश आर्मी की आधिकारिक वेबसाइट पर गाड़ी और सेना के अधिकारियों की वर्दी पर दिख रहा लोगो मिला। इस प्रकार, हम यह सत्यापित कर सकते हैं कि वाहन और सेना के अधिकारी बांग्लादेश के हैं न कि भारत के।

फैक्ट क्रेसेंडो ने इस वीडियो को 2021 में भी फैक्ट चेक किया था, उस समय हमें फेसबुक पर 28 मार्च 2021 को दोपहर 2.27 बजे एचएम अल अमीन नाम के एक फेसबुक उपयोगकर्ता द्वारा अपलोड किया गया मूल लाइव वीडियो मिला था। वीडियो पर दिए गए कैप्शन के अनुसार, इसे बांग्लादेश के हाथजारी में शूट किया गया था। हालांकि ये वीडियो अब डिलीट हो चूका है।

इसके बाद, हमने हतजारी में हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित ख़बरों को खोजने की कोशिश की। 2021 में प्रकाशित डेली स्टार के अनुसार, चटगांव में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे जब नरेंद्र मोदी 26 मार्च को दो दिनों के लिए देश (बांग्लादेश) का दौरा किया। चटगांव के हतजारी में विरोध रैली के दौरान हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी। ढाका ट्रिब्यून ने भी उस समय इस खबर को प्रसारित किया था।

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किये गये दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो 2021 में भारत के प्रधानमंत्री मोदी के बांग्लादेश दौरे के समय किये गये विरोध प्रदर्शन का है। ये वीडियो पश्चिम बंगाल से नहीं है बल्कि बांग्लादेश से है।

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Title:2021 में बांग्लादेश में हुए विरोध के वीडियो को बंगाल में मुसलमानों द्वारा सेना के काफिले पर हमले के नाम से वायरल।

Fact Check By: Drabanti Ghosh 

Result: False