यह वीडियो केरल के गुरुवायुर मंदिर का है, जिसे अयोध्या राम मंदिर का बताया जा रहा है।  

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एक भरे दानपात्र से ढेर सारे नोटों को निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से प्रचारित किया जा रहा है। वीडियो में एक मंदिर का दृश्य है जहां रखे दानपात्र से एक पुजारी दानपेटी को खोलकर चढ़ावा इकट्ठा कर रहा है। दरअसल 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा होने के बाद से हर रोज़ भगवान राम लला के दर्शन किये जा रहे हैं, और दान भी चढ़ाये जा रहे हैं। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया यूज़र ने इस वीडियो को राम मंदिर के दावे से साझा किया है और यह लिखा है…

अयोध्या राम मंदिर में, राम मंदिर में दान किया रूपया।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत वीडियो से तस्वीर लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च से की। जिसके परिणाम में हमें 29 सितंबर 2022 को कलायनथानिकाज़चकल नाम के फेसबुक पेज पर वायरल वीडियो साझा किया हुआ मिला। इसके नीचे मलयालम भाषा में कैप्शन लिखे थे। जिसका अनुवाद करने पर एक दिन मैं गुरुवयूरमबाला नाता के पास जाऊंगा। भंडारे का द्वार खुलेगा, मैं तुम्हें सब कुछ दिखाऊंगा लिखा था। 

मिली जानकारी की मदद लेते हुए हमने गुरुवयूरमबाला नाम से सर्च किया तो हमें श्री गुरुवायुरप्पन के फेसबुक पेज पर वही वीडियो मिला। यहां पर हमें वीडियो के साथ अंग्रेजी और मलयालम भाषा में कैप्शन लिखा हुआ मिला। जिसके अनुसार वीडियो में दिख रहा खजाना गुरुवयूर मंदिर का है। वीडियो 23 सितम्बर 2022 में अपलोडेड है। 

इसके बाद पड़ताल के दौरान हमें बुखारा मीडिया नाम के एक यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो से मेल खाता हुआ वीडियो मिला। जिसे 13 अक्‍टूबर 2022 को अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ मलयालम में लिखा गया कि जब गुरुवायूर में खजाना खोला गया। 

एक अन्य यूट्यूब यूज़र द्वारा यही वीडियो साझा किया गया है।

हमने गुरुवायुर मंदिर के बारे में सर्च किया। हमें दैनिक भास्कर की रिपोर्ट से पता चला कि गुरुवायुर केरल में त्रिशूर जिले का एक गांव है। जो कि त्रिशूर नगर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्थान भगवान कृष्ण के मंदिर की वजह से बहुत खास माना जाता है। गुरुवायूर केरल के लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर के देवता भगवान गुरुवायुरप्पन हैं, जो बालगोपालन (कृष्ण भगवान का बालरूप) के रूप में हैं। आमतौर पर इस जगह को दक्षिण की द्वारका के नाम से भी पुकारा जाता है।इस मंदिर में अपने वजन के बराबर चीजें भगवान को अर्पित करने की प्रथा है। पीएम मोदी ने मंदिर में अपने वजन के बराबर कमल के फूल भगवान को अर्पित किए थे।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वायरल वीडियो अयोध्या स्थित राम मंदिर का नहीं है। क्यूंकि ये वीडियो 2022 से इंटरनेट पर उपलब्ध है।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि राममंदिर के नाम पर वायरल पोस्‍ट में दिखाई दे रहा वीडियो अयोध्या स्थित राम मंदिर का नहीं है। चूंकि ये वीडियो सितंबर 2022 से मौजूद है। इसलिए इसका राम मंदिर से कोई लेना देना नहीं है।

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Title:यह वीडियो केरल के गुरुवायुर मंदिर का है, जिसे अयोध्या राम मंदिर का बताया जा रहा है।  

Written By: Priyanka Sinha 

Result: False