
(ये प्रकरण २०१७ का है , व मामला भारतीय कोर्ट “तीस हज़ारी कोर्ट” दिल्ली में विचाराधीन है, मामला स्त्री लज्जा भंग से सम्बंदित है व factcrescendo इसे अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी समझते हुए इस पोस्ट में प्रकरण की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करता है )
उपरोक्त कोर्ट ने पीड़िता के अनुरोध पर इस ख़बर को इंटरनेट व सोशल माध्यमों से प्रसारित करने वालों के ख़िलाफ़ कार्यवाही का एक आदेश पारित किया है।
सोशल मंचों पर वाइरल कथन
२ मई २०१९ को फेसबुक के ‘Open Your Eyes’ नामक पेज पर एक पोस्ट साझा किया गया है | पोस्ट में दो फोटो दिये गए है | पहले फोटो में हिन्दू बाबा के वेश में एक व्यक्ति के साथ एक युवती चिपककर खड़े दिखाई देते है | दुसरे फोटो में यही बाबा कार के बोनेट पर बैठकर उसी युवती को चुमते हुए नजर आते है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि – गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी का प्रचार करने जाने से पहले मुंह मीठा करते हुए बाबा चुनमुन नंद जी महाराज। बड़े संस्कारी लोग हैं ।
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि भगवा वस्त्रधारी यह शख्स बाबा चुनमुन नंद जी महाराज है तथा गोरखपुर में बीजेपी का प्रचार करने जाने से पहले खुले में लड़की के साथ यह अश्लील हरकत कर रहा है | क्या सच में ऐसा कुछ हुआ था? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमें यह तस्वीर २०१७ से बहुत सी जगह वायरल होती हुई मिली | कई परिणामों पर क्लिक करने से कोई जानकारी नहीं मिली | यू-ट्यूब के जो लिंक दिए गए है, वह खोलने पर विडियो अभी अस्तित्व में नहीं होने की सुचना मिलती है | परिणाम को काफी बारीकी से जांचने के बाद हम एक लिंक पर गए, तो सारी कहानी समझ में आ गई |
समाचार वेबसाइट ‘द रायजिंग न्यूज़’ की लिंक पर हमें एक खबर मिली, जिसमे कहा गया है कि, सोशल मीडिया पर इन दिनों एक भगवाधारी बाबा और उसके साथ एक युवती का फोटो वायरल हो रहा है। इनमें से एक फोटो में बाबा किसी हाईवे पर कार के सामने युवती को किस कर रहा है। इस मामले में अब युवती सामने आई है और उसने पुलिस को शिकायत देकर इन तस्वीरों को वायरल करने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तस्वीरों में दिखने वाली युवती दिल्ली की रहने वाली है। 30 अगस्त को हौज काजी थाना पुलिस और अपराध शाखा को दी गई शिकायत में पीड़िता ने इन तस्वीरों को गलत बताया। पीड़िता ने कहा कि उसकी कुछ समय बाद शादी होने वाली है, इसलिए उसे बदनाम किया जा रहा है। पीड़िता ने तस्वीरों में दिखने वाले बाबा हरमेल दास को जानने की बात स्वीकार की है। पीड़िता की मानें तो उसका अपने पड़ोसियों से झगड़ा हुआ था। उसने पड़ोस में रहने वाले युवक पर फोटो वायरल करने का आरोप लगाया। पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने उसे धमकी देते हुए कहा था कि, “हर जगह तेरे पोस्टर लगा देंगे।” वहीं फोटो वायरल होते ही आश्रम प्रबंधन ने एक बैठक की और हरमेल दास को दोषी मानते हुए उन्हें आश्रम से बाहर निकाल दिया, ताकि बरसों पुराने आश्रम की बदनामी न हो। हरमेल दास ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए किसी ने उनके खिलाफ साजिश रची है।
इसके अलावा हमें समाचार वेबसाइट ‘हिंदुस्तान समाचार’ पर प्रसारित एक खबर मिली | ९ जनवरी २०१९ को यह खबर अपडेट की गई थी | खबर में लिखा गया है कि, फोटो में दिख रही युवती ने न्यायालय में एक याचिका दायर की थी | इसपर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मामले की जांच करने के आदेश दिए | खबर के साथ कोर्ट द्वारा पारित आदेश की कॉपी भी दी गई है |

जांच का परिणाम :
२०१९ लोकसभा चुनावों में ये पोस्ट फिर से वाईरल किया जा रहा है, इस प्रकरण का चुनावों व प्रचार से कोई सम्बंध नहीं है ।

Title:तस्वीरों का २०१९ लोकसभा चुनाव प्रचार से कोई नाता नहीं है।
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
