संभल में पूर्णागिरी जा रहे श्रद्धालुओं से मारपीट मामले में भ्रामक और फेक सांप्रदायिक दावा वायरल…

Communal False

संभल में मुसलमानों ने पूर्णागिरी जा रहे श्रद्धालुओं पर हमला नहीं किया, फल विक्रेताओं से पैसों के लेनदेन पर हुई लड़ाई के वीडियो को गलत आधार पर फैलाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश का संभल चर्चा में बना हुआ है। शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद से यूपी का ये जिला सुर्ख़ियों में छाया हुआ है। इसी क्रम में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक सड़क पर एक बस के आगे कुछ लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है। इसमें से कुछ लोग आपस में लड़ते हैं और एक-दूसरे को लाठी से पीटते हैं। यूज़र्स इस वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि संभल में मुस्लिमों ने पूर्णागिरी जा रहे श्रद्धालुओं पर भजन बंद कराने को लेकर हमला कर दिया। वीडियो शेयर करते हुए भड़काऊ कैप्शन लिखा गया है जोकि इस प्रकार है…

संभल में फिर नाग बिलों से निकले…माँ पूर्णगिरी जा रही बस पर संभल में हमला खाने पीने को रुकी बस में बज रहा था भजन तो भजन को बंद कराने पे अड़े जिहादियों ने देवी भक्तों को मार मार के अधमरा किया.. उम्मीद है संभल पुलिस तगड़ा जवाब देगी

https://vimeo.com/1070299774

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में गूगल पर सम्बंधित कीवर्ड से सर्च किया। परिणाम में हमें 22 मार्च 2025 की आजतक के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो को शेयर किया गया है। जबकि खबर के अनुसार संभल में पूर्णागिरि दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं और फल विक्रेताओं के बीच विवाद हो गया था। झगड़ा इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते हिंसक झड़प होने लगी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिससे हाईवे पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यह घटना संभल सदर कोतवाली क्षेत्र के जनता पेट्रोल पंप के पास हुई थी। नखासा थाना इलाके के मंडली समसपुर गांव के श्रद्धालु एक बस में सवार होकर मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए जा रहे थे। देर रात श्रद्धालुओं की बस हाईवे किनारे रुकी, जहां वे फल खरीदने के लिए बाजार में पहुंचे। इसी दौरान फलों की कीमत को लेकर श्रद्धालुओं और विक्रेताओं के बीच बहस हो गई, जो बाद में मारपीट में बदल गई।सूचना मिलते ही सरथल चौकी पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन मारपीट कर रहे फल विक्रेता फिर भी दबंगई दिखाते रहे। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया और पूरे मामले की जांच शुरू की।

यहीं खबर हमें अमर उजाला के माध्यम से भी प्राप्त हुई, जिसे 22 मार्च को प्रकाशित किया गया था। जानकारी के अनुसार, नसाखा थाना क्षेत्र के गांव मादली समसपुर के निवासी राजू, सुरजीत, संजीव पूर्णागिरि की यात्रा पर निकले थे। तभी संभल में फल खरीदने के दौरान राजू का फल विक्रेता नीरज से पैसों को लेकर विवाद हुआ और मारपीट हो गई। मामले में संभल सदर कोतवाली पुलिस द्वारा श्रद्धालु पक्ष के राजू, संजीव, सुरजीत और फल विक्रेता पक्ष के नीरज, निरंजन और नरेश को हिरासत में लेते हुए कार्रवाई की गई।

अमृत विचार नाम के एक यूट्यूब चैनल के हवाले से वीडियो रिपोर्ट शेयर की गई है, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल दिखाई दे रहे हैं। बताया गया है कि 21 मार्च की रात नौ बजे संभल के बहजोई रोड पर बरेली सराय इलाके में पूर्णागिरी जा रहे श्रद्धालुओं और फल-विक्रेता के बीच विवाद हुआ था। राजू नाम के श्रद्धालु ने फल विक्रेता नीरज से 100 रुपये के संतरे खरीदे थे, पैसों को लेकर दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि फल विक्रेताओं और श्रद्धालुओं के बीच मारपीट हो गई।

इस मामले पर ईटीवी भारत और नवभारत टाइम्स के भी रिपोर्ट देखे जा सकते हैं। जिनके हवाले से यहीं बताया गया कि संभल में पूर्णागिरी दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं और फल विक्रेताओं के बीच मारपीट हुई। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

इस मामले में और पड़ताल किए जाने पर हमें एक्स अकाउंट पर एक यूज़र द्वारा किए गए पोस्ट में संभल पुलिस का जवाब मिला। यह बताया गया है कि दो पक्षों में फल खरीदने के दौरान मारपीट हो गयी थी और दोनों ही पक्ष हिंदू समुदाय के थे।

इसलिए हम कह सकते हैं कि संभल में फल खरीदने के दौरान मारपीट का वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल किया गया है। 

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि, संभल में पूर्णागिरि जा रहे श्रद्धालुओं के साथ फल विक्रेताओं की हुई मारपीट के वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है। दोनों ही पक्ष एक ही समुदाय से हैं। जिनके बीच फलों के दाम को लेकर मारपीट हुई थी।

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Title:संभल में पूर्णागिरी जा रहे श्रद्धालुओं से मारपीट मामले में भ्रामक और फेक सांप्रदायिक दावा वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: False

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