पाक पर किसी भी वक्त हो सकता है जमीनी हमला, फ्रंटलाइन पर टैंक-तोप और मिसाइलें तैनात | क्या यह सच है?

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३ मार्च २०१९ को पहली बार फेसबुक पर साझा की गई न्यूज़ 24 online  की यह पोस्ट व फोटो काफी चर्चा में है | ‘पाक पर किसी भी वक्त हो सकता है जमीनी हमला, फ्रंटलाइन पर टैंक-तोप और मिसाइलें तैनात इस हैडलाइन के साथ उपरोक्त फोटो दिया गया है व खबर में कहा गया है कि ईरान अब बिना किसी चेतावनी के पाकिस्तान के भीतर छुपे आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर सकता है। ईरान ने पाकिस्तान से लगे बॉर्डर की फ्रंट लाइन पर टैंक और तोपखाने की तैनाती कर दी है। खबर ३ मार्च २०१९ को लिखी गई है| जानते है इसकी सच्चाई|

ARCHIVE NEWS24

देखते है यह खबर फ़ेसबुक पर कितना असर जमा रही है | फैक्ट चेक किये जाने तक MISSION MODI 2019, SAMBIT PATRA FANS CLUBMODI SUPPORTER इन पेजेस पर इस पोस्ट को १ हजार से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी |  

ARCHIVE MISSION | ARCHIVE PATRA | ARCHIVE SUPPORTER  

संशोधन से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने पोस्ट की तस्वीर का स्क्रीन शॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज किया तो पता चला की यह फोटो बॉर्डर गार्ड ऑफ़ ईरान की तो है, मगर काफी पुरानी है तथा कई ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल्स, वेबसाइट व अख़बारों ने उसे फाइल फोटो की तरह इस्तेमाल किया है | नीचे आप सर्च रिजल्ट देख सकते है |

ईरान का ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल प्रेस टीवी’ ने ३१ अगस्त २०१८ व १६ जुलाई २०१७ को अलग अलग खबरों में यह फोटो फाइल फोटो के तौर पर इस्तेमाल किया है | आप इसके स्क्रीन शॉट्स नीचे देख सकते है | इसके अलावा ‘ईरान फ्रंट पेज’ इस ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ने भी १६ जुलाई २०१७ को इस फोटो का इस्तेमाल किया था |

उपरोक्त संशोधन से यह बात साफ़ हो जाती है कि, पोस्ट में दिया गया फोटो ईरान के ईरानियन बॉर्डर गार्ड्स का तो है लेकिन काफी पुराना है व उस दावे का सुबूत कतई नहीं है जैसा कि खबर में किया गया है |

अब देखते है की मसला क्या है | दरअसल १३ फ़रवरी २०१९ को, यानि पुलवामा हमले के ठीक एक दिन पहले, ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान दक्षिणी प्रान्त में ईरानी सेना के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के काफिले पर हुए एक आत्मघाती बम हमले में २७ सैनिक मारे गए थे व १७ सैनिक घायल हुए थे | अल-कायदा से सम्बंधित जैश-अल-अदल इस आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी | ईरान का आरोप है की इन आतंकवादियों को पाकिस्तान मदद करता है | इस हमले के बाद ईरान व पाकिस्तान दरमियान तनाव के हालात पैदा हुए |

देखते है इसके बाद हालातों ने कैसे मोड़ लिया….

१६ फ़रवरी को न्यूज़ एजेंसी NDTV ने यह खबर दी थी कि इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि उसे आतंकवादियों को पनाह देने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी |

ARCHIVE NDTV
पाकिस्तानी अख़बार ‘dawn’ कि १८ फ़रवरी २०१९ की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान देते हुए कहा था कि पाकिस्तान ईरान को आत्मघाती हमले की जांच में पूरा सहयोग करेगा |

ARCHIVE DAWN

पाकिस्तानी अख़बार ‘dawn’ की १७ फ़रवरी २०१९ की खबर के अनुसार, ईरान ने पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया |
ARCHIVE DAWN1

१९ फ़रवरी २०१९ के Islamic Republic News Agency (IRNA) ने दिए खबर के अनुसार ईरान के मिनिस्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस महमूद अल्वी ने कहा कि इस हमले का बदला लिया जायेगा |

ARCHIVE IRNA

१९ फ़रवरी २०१९ को Islamic Republic News Agency (IRNA) ने दिए दूसरी खबर के अनुसार, इस्लामिक रेवोलुशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कुद्स फ़ोर्स के कमांडर कासेम सोलिमनी ने कहा कि ईरान पाकिस्तान का भरोसेमंद पडोसी है इसलिए वह पाकिस्तान को तो धमकी नहीं देगा, लेकिन पाकिस्तान से करतूत करते आतंकियों को जरुर सबक सिखाया जायेगा |

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२२ फ़रवरी २०१९ को Islamic Republic News Agency (IRNA) ने दिए और एक खबर के अनुसार, दुनिया टीवी चैनल से बात करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने फिर से जांच में सहयोग कि बात दोहराई |

ARCHIVE DUNIYA
६ मार्च २०१९ को IFPNEWS कि खबर के अनुसार, पाकिस्तान ने ईरान में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-अल-अदल इस आतंकवादी संगठन के गतिविधियों पर पाबन्दी लगा दी है और वो जल्द ही इस संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार कर लेंगे |


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८ मार्च २०१९ को teheran times कि खबर के अनुसार, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी तथा प्रधानमंत्री इमरान का इस्लामिक रेवोलुशन के नेता अयातुल्लाह खेमेनी को लिखा संयुक्त ख़त लेकर पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख रशीद गुरुवार, ७ मार्च २०१९ को तेहरान पहुंचे और उन्होंने वह ख़त खेमेनी के वरिष्ठ सलाहकार अली अकबर वेलायाती के सुपुर्द किया |

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यह सब घटनाक्रम से यह बात साफ़ होती है कि दोनों देशों के दरमियान तनाव की स्थिति में अब काफी सुधार आया दिखता है |

जांच का परिणाम :  संशोधन से यह स्पष्ट होता है की पोस्ट की खबर में दिया हुआ फोटो सीमा पर ईरानी फ़ौज के तैनाती का नहीं है | खबर में रेवोलुशनरी गार्ड पर आत्मघाती हमले की जानकारी तो सही है, मगर ईरान ने पाकिस्तान से लगे बॉर्डर की फ्रंट लाइन पर टैंक और तोपखाने की तैनाती कर दी है और वह पाकिस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है, इस दावे कि पुष्टि नहीं होती है | अतः इस खबर में दी हुई जानकारी मिश्रित (MIXTURE) है |  

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Title:पाक पर किसी भी वक्त हो सकता है जमीनी हमला, फ्रंटलाइन पर टैंक-तोप और मिसाइलें तैनात | क्या यह सच है?

Fact Check By: Rajesh Pillewar 

Result: Mixture