
२४ अक्तूबर २०१८ को द हिन्दू टाइम्स नामक एक फेसबुक पेज पर एक तस्वीर पोस्ट की गयी थी | तस्वीर के साथ यह लिखा गया है कि “यह है सतवीर सिंह जिन्होंने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान से लड़ते हुए देश के लिए ६ गोलियां अपने सीने पर खाई थी | दुर्भाग्य देखिये इस वीर योद्धा का, एक नेता ने इनकी १ एकड़ की ज़मीन भी छीन ली और आज इनको जूस बेचकर व झूठे बर्तन साफ़ करके गुजारा करना पड़ रहा है | १५ साल से न्याय की गुहार लगा रहे है, लेकिन कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है | शेयर ज़रूर करे” | इस पोस्ट के साथ दो तस्वीरे भी है जो सतवीर सिंह की तस्वीर होने का दावा करती है | शेयर हुई तब से ही यह खबर काफी चर्चा में रही व लगभग १ लाख ७३ हज़ार बार साझा की जा चुकी है |
अब यह जानना जरुरी है कि क्या तस्वीर में दिखाई गई व्यक्ति वही है जिसके बारे में पोस्ट में दावा किया गया है | यह भी देखना जरुरी हो जाता है कि क्या पोस्ट में किया गया दावा सही है | सच्चाई जानने के लिए हमने उपरोक्त पोस्ट में दिए गए सतवीर सिंह के दोनों तस्वीर का अलग अलग स्क्रीनशॉट लिया व पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर सर्च किया |
सर्च करने पर हमे यह पता चला कि पहली तस्वीर असल में भारतीय सेना के परमवीर चक्र विजेता करम सिंह वालिया की है | उन्हें १९५० में परमवीर चक्र से नवाज़ा गया था और वे वीरता के लिए यह सर्वोच्च पुरस्कार पाने वाले भारत के पहले जीवित व्यक्ति थे।
‘द वॉर डेकोरेटेड इंडिया एंड ट्रस्ट’ ने भी इस बात की पुष्टि की है |
TheWarDecoratedIndia&Trust | आर्काइव लिंक
दूसरी तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि यह वास्तव में सतवीर सिंह की ही तस्वीर है | इससे यह बात साबित होती है कि पोस्ट में बाएँ तरफ दी गयी तस्वीर सतवीर सिंह की नहीं है | लेकिन दूसरी दाएँ दी गई तस्वीर सतवीर सिंह की ही है |
संशोधन के बाद हमे यह पता चला की २५ जुलाई २०१८ को सतवीर सिंह की हालात के बारे में एक खबर नवभारत टाइम्स ने प्रकाशित कि थी|
यू ट्यूब पर सतवीर सिंह जी के कई इंटर्व्यू मौजूद हैं , Inuth ने ३१ जुलाई २०१८ को उनका एक विडीओ अपलोड किया था ।
हमे यह भी पता चला की इंडिया टाइम्स ने सतबीर सिंह के घर जाकर उनसे एक इंटरव्यू किया था | तथ्यों कि जांच के लिए प्रतिनिधिक उदाहरन के तौर पर हम इंडिया टाइम्स कि इस खबर में क्या कहा गया है यह देखते है | इस इंटरव्यू में कहा गया है कि उत्तरी दिल्ली के मुखमेलपुर गांव में एक छोटे से घर में राजपुताना राइफल्स के कारगिल युद्ध के दिग्गज सतबीर सिंह रहते हैं | १९९९ के युद्ध के दौरान पाकिस्तान सैनिकों की छह गोलियां उनके जिस्म पर लगी थीं, जिनमे से एक अभी भी उनके पैर में है | गंभीर चोटो के कारण, उनको अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी थी । मूल अंग्रेजी इंटरव्यू का स्कीन शॉट नीचे देखा जा सकता है |
तस्वीर के साथ पोस्ट में यह दावा किया गया है कि एक नेता ने सतवीर सिंह से उनकी एक एकड़ की ज़मीन उनसे छीन ली है जिस वजह से उनको जूस के दूकान पर काम करना पड़ रहा है व वे आज भी न्याय के उम्मीद लेकर बैठें है |
इंडिया टाइम्स से सतबीर सिंह ने कहा था कि उनके साथी, जो युद्ध के दौरान मारे गए थे, उनके परिवारों को तुरंत जीविका के लिए पेट्रोल पंप या गैस एजेंसियां या एक एकड़ जमीन दी गई थी | उनकी चोट के कारण वह लंबे समय तक अस्पताल में थे और उनके परिवार में कोई नहीं था जो उनकी देखभाल करता। जब अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई, तो उन्होंने पात्रता की जांच करवाई, मगर उन्हें बिना किसी जवाब के वापस भेज दिया गया | उस दौरान (अगस्त २०१८) उनकी पेंशन २३,००० रुपये प्रति माह थी |
बाद में, उन्होंने सेना मुख्यालय से संपर्क किया और एक पेट्रोल पंप के अधिग्रहण के लिए एक फॉर्म भरा। उन्होंने उन दस्तावेजों को “शास्त्री भवन पेट्रोलियम मंत्रालय” के कार्यालय में जमा कर दिया। सतवीर सिंह ने इंडिया टाइम्स से यह भी कहा कि “संविधान के अनुसार, १९९९-२००० में यह नियम था की युद्ध में घायल फौजी को ज़मीन का एक टूकड़ा देकर सम्मानित किया जायेगा”। केंद्र सरकार द्वारा उन्हें एक एकड़ जमीन और पेट्रोल पंप आवंटित करने के लिए पहल की गई थी। बाद में उन्हें जमीन का एक टुकड़ा आवंटित किया गया था, जिस पर उन्होंने अच्छी तरह से खेती की, परंतु वह ज़मीन उनसे चार साल बाद छीन ली गई |
लेकिन सतवीर सिंह ने इंडिया टाइम्स के साथ हुए इंटरव्यू में उनकी जमीन एक नेता द्वारा छीनने के बारे में कुछ भी दावा नहीं किया था | उनकी बातचीत के मूल अंग्रेजी अंश नीचे स्क्रीन शॉट्स पर पढ़े जा सकते है | इसके अलावा किसी भी समाचार संस्थान ने एक नेता द्वारा सतवीर सिंह की ज़मीन छिने जाने की बात नहीं कही है | इस सन्दर्भ में बाकि खबरें भी नीचे दिए लिंक पर पढ़ी जा सकती है |
यह चित्र हमने इंडिया टाइम्स की वेबसाइट से प्रतिनिधित्व हेतु लिया है ।
चित्र में बाएं से दाएं: सिंह द्वारा लिखे गए पत्र का एक झलक, तस्वीर जिसमे सतवीर सिंह उनकी खेत में खड़े है, सिंह के बारे में एक समाचार, सतवीर सिंह का घर
यह भी सही पाया गया कि सतवीर सिंह फ़िलहाल उत्तरी दिल्ली के मुखमेलपुर गांव में जूस का दूकान चलाते है व अपने ही दूकान के जूठे बर्तन भी धोते है | कई प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों ने सतवीर सिंह कि यह कहानी और उनकी दुखद अवस्था के बारे में खबरें प्रकाशित की थी |
india times | इंडिया डिफेन्स न्यूज़ | आर्काइव लिंक | Zee News | आर्काइव लिंक | Indian Express | आर्काइव लिंक | नवभारत टाइम्स | आर्काइव लिंक
उपरोक्त वेबसाइट की पोस्ट वायरल होने के बाद तथा उनकी अवस्था पर खबरें प्रकाशित होने पर सतबीर सिंह चर्चा में आ गए तथा देशभर से उनके समर्थन में कई प्रतिक्रियाएँ आने लगी | इसके बाद २७ जुलाई २०१८ को रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर नवभारत टाइम्स की इस खबर को टैग करके ४ आधिकारिक बयान जारी किये गए जिसमे सतवीर सिंह को दी गई नुकसान भरपाई का प्रमाण दिया गया है | नीचे आप नवभारत टाइम्स की खबर पढ़ सकते है व रक्षा मंत्रालय की अधिकारिक ट्विटर हँडल पर दिए बयान भी देख सकते है |
निष्कर्ष: तथ्यों कि जांच के पश्चात हमने उपरोक्त तस्वीर व दावों को मिश्रित पाया क्योंकि
- पोस्ट में दी गई तस्वीरे करम सिंह व सतवीर सिंह इन दो अलग अलग व्यक्तियों की है |
- दावे के अनुसार सतवीर सिंह ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ते हुए ६ गोलियां सीने पर खाई थी – यह भी मिश्रित तथ्य है क्योंकि उनको दो गोली पैर पर भी लगी थी जिसमे से एक आज भी उनके पैर में है |
- यह भी दावा किया गया है कि उनको १ एकड़ की ज़मीन मिली थी जो एक नेता द्वारा छीन ली गई | यह बात आधा सच है क्योंकि खुद सतवीर सिंह ने इंडिया टाइम्स के साथ हुए इंटरव्यू में इस बात की कोई भी पुष्टि नहीं की है |
- सतवीर सिंह एक जूस का दूकान चलाते हैं व अपनी दूकान के बर्तन भी धोते है, यह बात सही है |
- पोस्ट में किये गए आखरी दावे के अनुसार सतवीर सिंह को आज तक न्याय नहीं मिला परंतु रक्षा प्रवक्ता द्वारा किये गए ट्वीट से यह बात साबित होती है कि उनको नुकसान भरपाई दी गयी है |

Title:क्या यह वीर योद्धा १५ साल से न्याय की गुहार लगा रहा है ? जानिए सच |
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: Mixture
