
२४ सितंबर २०१९ “अमित कनोडिया” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट कर उसके शीर्षक में लिखा कि “मीडिया को चिन्मयानंद से फुरसत मिल गयी हो तो ये खबर भी बताने का कष्ट करें | एक नहीं, दो नहीं, पूरे 52 लड़कियों का मामला है वो 8 से 18 की उम्र की |”
तस्वीर में हम अख़बार की एक कटिंग को देख सकते है | अख़बार में खबर का शीर्षक है– “मदरसे में यौन शोषण,मौलवी गिरफ्तार, 52 छात्राएं छुड़ाई गई”
इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि भाजपा के राजनेता चिन्मयानंद के बारें में मीडिया रिपोर्ट करते हुए ऐसे ख़बरों को रिपोर्ट करना भूल जाती है, जहाँ मदरसे में यौन शोषण करते हुए मौलवी को गिरफ्तार किया गया है | खबर के अनुसार यह घटना उत्तर प्रदेश में यासीनगंज नामक क्षेत्र का है | भाजपा के राजनेता चिन्मयानंद पर हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया था |
यह पोस्ट को फैक्ट चेक किये जाने तक २२९ प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर को बारीकी से देखने से की, जिससे हमें कुछ खामियां नज़र आई जिसके हम यह कह सकते है कि इस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गयी है |
“मौलवी” शब्द में दिखाए गए “औ” की मात्र “यौन” शब्द में दिखाए गए “औ” की मात्र से काफी अलग दिखता है |
अगर पुरे हैडलाइन का फॉण्ट देखा जाये तो “मौलवी” शब्द का फॉण्ट अलग है | हम “मौलवी” शब्द का फॉण्ट दुसरे अक्षरों से बड़ा देख सकते है | सारे शब्द एक लाइन पर समान अंतर व साइज़ में देखे जा सकते है परंतु “मौलवी” शब्द बाकि शब्दों के तुलना में बड़ा है |
इसके पश्चात हमें यह देखा की पुरे तस्वीर में सिर्फ “मौलवी” शब्द काले बॉर्डर के बाहार जा रहा है |
हमने गौर किया कि अख़बार में दी गयी खबर के मुताबिक, यह मामला लखनऊ का है और यह
अख़बार, अमर उजाला है |
इसीलिए हमने इस अख़बार में दी गई तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम से हमें ३० दिसंबर २०१७ को अमर उजाला द्वारा प्रकाशित खबर मिली जिसमे हम वायरल पोस्ट में दिखायी गयी तस्वीर देख सकते है | खबर के शीर्षक में लिखा गया है कि “ऑफिस और किचन में बुलाकर करते हैं गलत काम’, पढ़िये मदरसे की पीड़ित छात्राओं की आपबीती” |
इसके पश्चात हम अमर उजाला के इ-पेपर वेबसाइट पर गये, और ३० दिसंबर २०१७ के अख़बार को ढूँढा, परिणाम से हमें ३० दिसंबर २०१७ को अमर उजाला द्वारा प्रकाशित अख़बार (इ-पेपर) मिला जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “मदरसे में यौन शोषण,मैनेजर गिरफ्तार, 52 छात्राएं छुड़ाई गई”
अमर उजाला के अनुसार, लखनऊ के सदात्गंज के यासीनगंज में एक मदरसे में कई लड़कियों को बंधक बना लिया गया था और उनका यौन उत्पीड़न किया गया था |यह मुद्दा सामने आया जब लड़कियों द्वारा उनकी स्थिति का वर्णन करते हुए, मदरसे के बाहर एक लिखित नोट पाया गया | स्थानीय लोगों द्वारा २९ दिसंबर, २०१७ को पुलिस को सूचित किया गया था, जब स्थानीय लोगों को खिड़की से लड़कियों द्वारा फेंक दिए गए नोट मिले | ५२ लड़कियों को इमारत से बचाया गया और उन्हें महिला गृह भेज दिया गया था | साथ ही खबर में कहा गया कि मदरसा के प्रबंधक कारी तैय्यब ज़िया को लड़कियों का यौन शोषण, मारपीट और यातना देने के आरोप के बाद गिरफ्तार किया गया था | मदरसा का स्वामित्व हदीजतुल कुबरा लिल बानट, इंदिरानगर के निवासी धार्मिक गुरु सैयद मोहम्मद जिलानी अशरफ के पास था, जिन्होंने तैय्यब ज़िया को मदरसे के देखभाल करने के लिए छोड़के गये थे | धार्मिक गुरु अशरफ के परिवार के एक सदस्य ने पुलिस को यौन शोषण के बारे में बताया |
जैसा कि नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में स्पष्ट है, शीर्षक ‘मौलवी‘ नहीं बल्कि “मैनेजर” शब्द का उल्लेख किया गया है, मतलब यह है कि “मौलवी” शब्द को फोटोशोप के माध्यम से एडिट करते हुए जोड़ा गया है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह मामला लखनऊ में दिसंबर २०१७ में मदरसे के हॉस्टल में हो रहे यौन शोषण का है | इस अख़बार के कटिंग को फोटोशोप के माध्यम से एडिट करते हुए “मैनेजर” की जगह पर “मौलवी” शब्द जोड़ा गया है |

Title:मूल लेख व तस्वीर को एडिट करके एक दो साल पुराने प्रकरण को वर्तमान का बताया जा रहा |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
