
हाथों में हरे झंडे लेकर रैली कर रहे लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हैदराबाद में मुख्यमंत्री सचिवालय से थोड़ी दूरी पर ही कुछ लोगों ने पाकिस्तानी झंडे को लहराते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा जा रहा है कि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- सचिवालय से चंद कदमों की दूरी पर पुराने ज़माने के जंगली चरमपंथी पाकिस्तानी झंडे लहराते हुए टैंकबंड पर मार्च कर रहे हैं, सोचो तेलंगाना के हिंदुओं, समय अभी ख़त्म नहीं हुआ है, अगर तुम चुप रहे तो कुछ और दिनों में वे पाकिस्तानी झंडे लहराते हुए तुम्हारी सड़कों पर आएँगे अपने घरों के सामने झंडे लगाओ, उन पार्टियों को वोट दो जो हमारे देश को बचाएंगे, हमारे धर्म को बचाएंगे। ये अराजकता कहां जायेगी सरकार…क्या रेवंत रेड्डी इन लोगों के रखवाले हैं?
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट लिए। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें हैदराबाद डेक्कन न्यूज (आर्काइव) यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को 2 अक्टूबर 2023 को अपलोड किया गया है। इससे ये स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का वर्त्तमान से कोई संबंध नहीं है।

इस वीडियो के कैप्शन के अनुसार यह वीडियो मिलाद-उन-नबी के मौके पर टैंकबंद पर हुई रैली का है। निम्न में वीडियो देखें।
वीडियो में झंडों की बारीकी से जांच करने पर देखा जा सकता है कि ये झंडा सीर्फ हरे रंग का है। लेकिन पाकिस्तान के झंडे में हरे रंग के अलावा एक सफेद हिस्सा है, जो वायरल वीडियो वाले झंडे में नहीं है। गूगल सर्च में हमें पता चला कि ये झंडा केरल (IUML केरल) स्थित एक राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का प्रतिनिधित्व करती है , जो केरल में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में है।
पाकिस्तानी झंडे और IUML झंडे के बीच अंतर नीचे विश्लेषण में देखा जा सकता है।

जांच में आगे हमें हैदराबाद सिटी पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल से किया गया ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने इस वीडियो को पिछले साल मिलाद-उन-नबी त्योहार से संबंधित बताया है। साथ ही पुलिस ने इस वीडियो को लेकर फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मिली जानकारी की मदद लेते हुए हमने आगे की जांच की। परिणाम में हमें इस रैली की कुछ मीडिया रिपोर्टस मिली। जानकारी के अनुसार इस त्योहार के दिन पुलिस की निगरानी में जुलूस निकाले गए थे, जिसमें हैदराबाद के विभिन्न स्थानों पर इस तरह के झंडे फहराए गए थे।
क्या यह घटना तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार के बनने का बाद का है-
बता दें कि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार दिसंबर 2023 को बनी। उससे पहले तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी थी। तेलंगाना में कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने सात दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी और इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें एक्स प्लेटफॉर्म के जरिए बधाई दी थी। इससे ये स्पष्य है कि वायरल वीडियो तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार के बनने का बाद का नहीं है।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, तेलंगाना में हाल में पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने का दावा गलत है। वीडियो में दिख रहे झंडे पाकिस्तान के नहीं बल्कि राजनैतिक दल IUML के हैं। वायरल वीडियो दो अक्टूबर 2023 का है, जब मिलाद-उन-नबी के दौरान कुछ लोगों ने मजहबी यानी इस्लामी झंडे को लहराया था। तब तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार नहीं थी।

Title:तेलंगाना में कांग्रेस सरकार के दौरान लोगों द्वारा सड़कों पर पाकिस्तानी झंडा लहराने का दावा फर्जी है. . .
Fact Check By: Sarita SamalResult: False
