क्या पहली बार भारत में हुआ भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ प्रदर्शन ? जानिये सच |

Mixture Political War

३ मार्च २०१९ को साझा की गई एक पोस्ट काफ़ी वाइरल हो रही है | इस पोस्ट मे ‘आज तक’ न्यूज़ चैनल के खिलाफ हुये धरना प्रदर्शन की फुटेज साझा की गई है | यह दावा भी किया गया है की भारत में पहली बार भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ विरोध हुआ है |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:  

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हमें साझा हुए कई पोस्ट और विडियो मिले | हर विडियो और फोटो के साथ लिखा गया है कि ‘भारत में पहली बार भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ विरोध’, ‘भारत में पहली बार भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ महाप्रदर्शन’, ‘लो जी गोदी मीडिया के खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू’, ‘यह देखिए किस तरह गोदी मीडिया का विरोध हो रहा है लोग समझ चुके हैं अब’ इत्यादि | आइये देखते हैं आखिरकार क्या है सच |

तथ्यों की जांच:

तथ्यों की जांच करते समय, जब विडियो को गौर से सुना गया तो इस विडियो में लिए गए एक साक्षात्कार में एक व्यक्ति कहता है कि, “हम संत रामपाल जी महाराज के समर्थक हैं और आज इसीलिए आये हुए हैं क्योंकि आज तक चैनेल – जो विश्व का सबसे नंबर वन चैनेल कहा जाता है, ये जो है ना बस सच्चाई बताने के बजाये, झूठ  पे झूठ दिखाये जा रहा है, और सरकार के दबाव के तहत, जो आरोप आज तक सरकार संत रामपाल जी महाराज के ऊपर सिद्ध नहीं कर पायी हैं, उन आरोपों को, उन बेबुनियाद आरोपों को बगैर किसी तथ्यों के आधार पर आज तक चैनेल इस तरह से दिखाने लग रहा है…..|”

इस के बाद हमने रामपाल महाराज से जुड़े सारे सुर्ख़ियों तो तलाशने पर हमें SAnews द्वारा प्रकाशित विडियो मिला | यह विडियो ०३ अक्टूबर २०१७ को अपलोड हुई है |

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इस विडियो से यह बात साफ़ होती है कि उपरोक्त विडियो रामपाल महाराज के समर्थन में  उनके समर्थकों ने ‘आज तक’ चैनेल के खिलाफ जो धरना प्रदर्शन किया था, उस घटना का है  एवं यह २०१७ की घटना है |

आइये देखते है कौन है रामपाल महाराज और इनके समर्थकों ने इतना बड़ा विरोध क्यों किया | रामपाल महाराज धनाना, पंजाब से हैं | हिसार, हरयाणा में उनका सतलोक आश्रम हैं | २००६ में सतलोक आश्रम के ज़मीन को लेकर उनके खिलाफ केस चला | इस केस के कार्यवाही के दौरान जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने गई, तो रामपाल के समर्थकों ने पुलिस का रामपाल तक पहुंचना मुश्किल कर दिया | बाद मे उनपर हत्या का आरोप भी लगा था | ३० अप्रैल २००८ को उन्हें जेल से बेल पर रिहा किया गया | बाद मे सारे सबूतों के बुनियाद पर १९ नवम्बर २०१४ की रात रामपाल को गिरफ्तार किया गया | बाद में ११ अक्तुबर २०१८ को हत्या के दो मामलों में हिसार कोर्ट ने दोषी करार दिया एवं आजीवन कारावास की सजा सुनाई |

पूरी खबर पढने के लिए ZeeNews की लिंक पर क्लिक करें | विडियो के लिए नीचे की लिंक पर क्लीक करे |

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इस बीच २०१७ में जब ‘आज तक’ चैनेल ने रामपाल से सम्बंधित खबरे दिखाना शुरू किया तो चैनल के नॉएडा स्थित ऑफिस के सामने उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया | समर्थकों का कहना था कि ‘आज तक’ ने गलत ख़बरे दिखाई है | देखने के लिए नीचे की लिंक पर जाये |

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निष्कर्ष : मिश्रित

तथ्यों की जांच से हमें पता चला कि-

  1. यह बात तो सच है कि पोस्ट में दिया गया विडियो संत रामपाल महाराज के समर्थकों के विरोध प्रदर्शन का है, जो की ‘आज तक’ चैनेल के नॉएडा ऑफिस के बाहर किया गया था |
  2. लेकिन यह प्रदर्शन सिर्फ़ आज तक चैनल के खिलाफ था और देश के सारे मीडिया के खिलाफ नहीं था, जैसा कि हैडलाइन में दावा किया गया है |
  3. उपरोक्त पोस्ट में किया गये दावे ‘भारत में पहली बार भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ विरोध’, ‘भारत में पहली बार भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ महाप्रदर्शन’, ‘लो जी गोदी मीडिया के खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू’ या ‘यह देखिए किस तरह गोदी मीडिया का विरोध हो रहा है लोग समझ चुके हैं अब’ यह सभी हैडलाइन भ्रामकता पैदा करती है |
  4. अतः यह पोस्ट मिश्रित जानकारी देता है |
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Title:क्या पहली बार भारत में हुआ भ्रष्ट मीडिया के खिलाफ प्रदर्शन ? जानिये सच |

Fact Check By: Nita Rao 

Result: Mixture