
२३ जून २०१९ को मनोज यादव नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की है | तस्वीर के विवरण में लिखा गया है कि “देश मे बढ़ती हुई मुस्लिम आबादी, भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की ओर बढ़ता हुआ कदम है और हमारे कुछ गद्दार नेता भी इस काम मे उनके साथ हैं | समय रहते इस पर ध्यान न दिया गया तो बहुत ही गम्भीर समस्या हो सकती है | जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाओ, देश को सशक्त ,समृद्ध और खुशहाल बनाओ |”
पोस्ट में एक छोटी लड़की की तस्वीर को दर्शाते हुए दावा किया जा रहा है कि वह १४ साल की रोहिंग्या महिला है जिसके दो बच्चे है | साथ ही कहा गया है कि इस लड़की का नाम सखरा है और उसका पति ५४ वर्षीय पुरुष है | तस्वीर के दुसरे भाग में हम नितीश कुमार के द्वारा कहे गए कुछ कथित शब्दों को देख सकते है | लिखा गया है कि “हम जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध करते है |” इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर काफ़ी तेजी से साझा किया जा रहा है |
क्या वास्तव में यह १४ साल की रोहिंग्या लड़की दो बच्चों की माँ है? हमने इस पोस्ट की सच्चाई जानने की कोशिश की |
संशोधन से पता चलता है…
जांच की शुरुआत में हमने इस तस्वीर की बारीकी से जांच की | हमें लड़की के तस्वीर के ऊपर बीबीसी न्यूज़ का वॉटरमार्क नज़र आता है |
इसके पश्चात हमने बीबीसी द्वारा प्रकाशित ख़बरों व विडियो में इस खबर को ढूँढने की कोशिश की | हमें ४ सितम्बर २०१७ को बीबीसी न्यूज़ द्वारा प्रसारित एक विडियो मिला | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि ‘रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ म्यांमार के जंगल में – बीबीसी न्यूज़” | विडियो के विवरण में लिखा गया है कि म्यांमार से भागे हुए लोगों के साथ बीबीसी न्यूज़ का रिपोर्टर संजॉय मजुमदार उनके साथ मुश्किल इलाके से गुजरते है | इस विडियो के हम वायरल तस्वीर में दिखाई गयी लड़की को भी देख सकते है | इस विडियो में उस लड़की को दर्शाते हुए व उसके दो बच्चों की माँ बनने जैसा कोई दावा नही किया गया है |
इस विडियो में २ मिनट ९ सेकंड में हम वायरल पोस्ट में दिखाए गए लड़की के स्क्रीनशॉट को देख सकते है | बीबीसी के विडियो डाक्यूमेंट्री के क्लिप में इस लड़की के बारे में किसी विशेष बात का जिक्र नहीं किया गया है |
इस संशोधन से हमें यह पता चल जाता है कि यह स्क्रीन ग्रैब बीबीसी न्यूज़ के डाक्यूमेंट्री से लिया गया है परंतु हम पुख्ता तरीके से यह नहीं कह सकते है कि यह लड़की दो बच्चों की माँ नहीं है या उसने उसके बच्चे को गोद में पकड़ा हुआ है | जब यह डाक्यूमेंट्री बनाई गई, तब यह लड़की अन्य बच्चों के साथ म्यांमार के जंगलों में थी |
इसके पश्चात हमने बीबीसी न्यूज़ का रिपोर्टर संजॉय मजुमदार के फ़ोन द्वारा संपर्क किया | उन्होंने इस दावें को स्पष्ट रूप से ख़ारिज करते हुए कहा कि
“सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर बीबीसी के रिपोर्ट को गलत दावें के साथ साझा किया जा रहा है | इस विडियो में रोहिंग्या शरणार्थीयों का बांग्लादेश में प्रवेश के पश्चात पहला आश्रय स्थलको दर्शाता है | कहानी में कही भी ऐसा नहीं कहा गया है कि युवा लड़की अपने बच्चे को पकड़ी हुई है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पोस्ट में साझा तस्वीर की लड़की एक रोहिंग्या शरणार्थि तो है, परंतु उसके दो बच्चे होने का दावा गलत है | बीबीसी द्वारा बनाए गए डाक्यूमेंट्री के अनुसार वह रोहिंग्या शरणार्थियों में से एक है व ऐसा कही भी नहीं कहा गया है कि वह बच्ची दो बच्चों की माँ है | बीबीसी द्वारा प्रसारित विडियो का स्क्रीन ग्रैब गलत दावों के साथ साझा किया जा रहा है |

Title:क्या १४ साल की यह रोहिंग्या बालिका दो बच्चों की माँ है ?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
