
कोरोनावायरस महामारी के चलते सोशल मंचों पर कई वाईरल खबरें, तस्वीरें व वीडियो चर्चा में रहे है। कई ऐसे भी दावे है जिन्होंने केवल सोशल मंचों पर ही नहीं बल्कि आम बातचीत के दौरान भी चर्चा का विषय बने हुये हैं। कोरोनावायरस महामारी का अभी तक कोई विशिष्ठ इलाज की खोज नहीं हुई है, जिसके कारण कोरोना से पॉसिटिव लोगों का कोई विशेष व स्पष्ट तरीके का इलाज नहीं हो रहा है। कई लोग घर में ठीक हो रहे है व कई लोगों को क्वारंटाईन कर वापस घर भेजा जा रहा है और कुछ लोगों को अस्पताल इलाज के लिए ले जाया जा रहा है। इसी के वजह से लोगों के मन में कोरोनावायरस के संबन्ध में डॉक्टर, अस्पताल, प्राइवेट अस्पताल व सरकार को लेकर शंका है। इसी के चलते लोगों का वाईरल हो रहीं खबरों पर भरोसा करना काफी आसान है। एक ऐसी ही खबर वर्तमान में काफी चर्चा में है जिसका दावा है कि भारत सरकार नगरपालिकाओं एवं प्राईवेट अस्पतालों को हर एक कोविड पॉसिटिव मरीज़ की टेस्ट कर पहचान करने के लिए 1.5 लाख रुपये दे रही है।
सोशल मंचों पर उरोक्त वाईरल खबर के चलते एक ऑडियो क्लिप को काफी साझा किया जा रहा है। ऑडियो में हम सुन सकते है कि,
“केंद्र सरकार ने नगरपालिका व महानगरपालिका के अंतर्गत हर एक कोरोना से संक्रमित मरीज़ के लिए 1.5 लाख रूपये खर्च के तौर पर दिया है। जिसकी वजह से नगरपालिका व महानगरपालिका ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को कोरोना संक्रमित करार करने पर ध्यान दे रहीं है। इसलिए लोगों को सर्दी, ज़ुखाम आदी बताकर अस्पतालों में भर्ती किया जाता है और जैसे ही नगरपालिका व महानगरपालिका को 1.5 लाख का अनुमोदन मिल जाता है वे मरीज़ो को अस्पताल से मुक्त कर देते है। इनके इस धंधे को बंद करने हेतु अस्पतालों में ना जाए और घर पर ही इलाज करें।
यह लगभग 2 मिनट का ऑडियो है। वाईरल पोस्ट का दावा है कि यह ऑडियो मीरा- भायंदर की विधायक गीता जैन द्वारा जारी किया गया है।
इस ऑडियो को साथ जो शीर्षक वाईरल हो रहा है उसमें लिखा है,
“यह वीडियो व्हाट्स ऐप पर प्रसारित हो रहा है और दावा किया गया है कि नगर पालिका / निजी अस्पताल प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव रोगी के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा प्रदान किए गए 1.5 लाख का लाभ पाने के लिए एक सकारात्मक रोगी के रूप में प्रत्येक रोगी का परीक्षण कर रहा है।“
इस दावे को सोशल मंचों पर काफी साझा किया गया था।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात में हमने कीवर्ड सर्च के जरिये इस दावे की सच्चाई को जानने की कोशिश की परंतु हमें ऐसी कोई आधिकारिक सूचना इंटरनेट पर नहीं मिली। इसके पश्चात दावे में ऑडियो क्लिप आप सुन सकते है वह मुंबई के मीरा- भायंदर की विधायक गीता जैन का है या नहीं इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने उनसे संपर्क किया।
अधिक जाँच करने पर हमें फेसबुक पर उनका एक वीडियो मिला जहाँ उन्होंने वाईरल हो रहे ऑडियो के संदर्भ में उनका स्पष्टीकरण दिया है और कहा कि
“सरकार नगरपालिका व अस्पतालों को हर कोविड के मरीज़ के लिए 1.5 लाख रुपये दे रही हैं, यह ऑडियो क्लिप उनकी ओर से आया है यह गलत है और उन्होंने ऐसा कोई ऑडियो जारी नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा की सरकार की ओर से जो भी निर्देश आते है उनका पालन किया जाए। वीडियो में उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑडियो के खिलाफ उन्होंने साईबर क्राईम में रिपोर्ट दर्ज कराई है।“
विधायक गीता जैन ने फेसबुक पर जो वीडियो के रूप में स्पष्टीकरण दिया है उसके शीर्षक में लिखा है,
“नमस्कार.
कल शाम से एक ऑडियो क्लिप मेरे नाम से पूरे शहर में भेजा जा रहा है, जो कि जाली व गलत है।
मेरे द्वारा ऐसी कोई भी ऑडिओ जारी नही किया गया है।
इस ऑडिओ को कोई भी फारवर्ड न करे।
कोरोना की इस जंग में प्रशासन और सरकार द्वारा दिये गए सभी नियामो का पालन करे।
धन्यवाद !
#connectGEETA”
उपरोक्त दावे की जाँच के दौरान हमें कई समाचार लेख भी मिले जिन्होंने ने अपनी रिपोर्ट में वायरल हो रहे ऑडियो पर गीता जैन के स्पष्टिकरण के संदर्भ में लिखा है। उन्होंने ने यह भी लिखा है कि गीता जैन ने साईबर क्राईम में वाईरल हो रहे ऑडियो की रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
इसके बाद गीता जैन के द्वारा वाईरल ऑडियो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने की बात को ध्यान में रखते हुए हमने भायंदर के नवघर पुलिस थाने के पी.आई समपतराव पाटिल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि,
“ये इस घटना को लगभग 2 महीने हो चुके है। इंटरनेट पर जो ऑडियो वाईरल हो रहा है जिसमें ऐसा कहा गया है कि सरकार नगरपालिका एवं महानगरपालिका को हर एक कोविड पॉसिटिव मरीज़ के लिए 1.5 लाख रूपये दे रही है, यह गीता जैन मैडम ने नहीं कहा है। जिस महिला की आवाज़ आप इस ऑडियो में सुन सकते है वह महिला यही गोरेगाँव-मलाड में रहती है और उसपर केस दाखिल किया गया है व उसे हमने गिरफ्तार किया था, उसकी थाने कोर्ट में पेशी भी हुई और फिर कोर्ट से उसकी ज़मानत हो गयी। उस ऑडियो में उस महिला ने गीता जैन का नाम नहीं लिया है परंतु लोगों को वह आवाज़ सुनकर ऐसा लगा कि वह गीता मैडम की आवाज़ है और इसलिए सोशल मंचों पर यह खबर वाईरल हो गयी।“
“हमने उस महिला को इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि उसने सरकार द्वारा नगरपालिका व महानगरपालिका को 1.5 लाख रुपये देने की बात की है, जो गलत है, इसके अलावा जिस सोशल मंच उपभोक्ता ने यह वाईरल किया की वह आवाज़ विधायक गीता जैन की है हम उसकी भी खोज कर रहें हैं। उस उपभोक्ता ने सोशल मंच पर गीता जैन की तस्वीर के साथ उस ऑडियो को जोड़कर फैलाने का गलत काम किया है।“
इसके पश्चात हमने पी.आई समपतराव पाटिल ने हमें एफ.आई.आर की कॉपी भी भेजी है। एफ.आई.आर के मुताबिक आरोपी को 24 जुलाई 2020 को सुबह 11:30 बजे गिरफ्तार किया था। आप उस कॉपी को नीचे देख सकते है।
तत्पश्चात अधिक जाँच करने पर हमें पी.आई.बी फैक्टचेक का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि सरकार नगरपालिका एवं प्राईवेट अस्पतालों को हर एक कोविड पॉसिटिव मरीज़ के लिए 1.5 लाख रूपये नहीं दे रही है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को गलत पाया है। सरकार द्वारा नगरपालिका, महानगरपालिका एवं प्राईवेट अस्पतालों को हर एक कोविड पॉसिटिव मरीज़ के लिए 1.5 लाख रुपये देने की बात फर्जी है।

Title:क्या गीता जैन द्वारा लोगों को कोरोना टेस्ट हेतु अस्पताल न जाने की सलाह दी गई है? जानिये सच..
Fact Check By: Rashi JainResult: False
