अयोध्या पुलिस ने वायरल दावों का खंडन किया है। लड़की के साथ न तो बलात्कार हुआ है और न ही उसकी हत्या की गई । ये मामला आत्महत्या का है।

सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाली तस्वीर को शेयर किया जा रहा है, जिसमें मंदिर के सामने एक लड़की का शव लटका नजर आ रहा है। जिसे शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अयोध्या के लुत्फाबाद बछौली में एक लड़की के साथ पहले तो रेप किया गया और फिर उसकी हत्या करके योगी वीर बाबा के मंदिर के दरवाजे पर लटका दिया गया। वायरल तस्वीर को शेयर कर एक यूजर ने जहां सरकार पर सवाल उठाते हुए देश में बेटियों की सुरक्षा पर सवाल उठाये हैं साथ ही इस जघन्य अपराध पर इंसाफ की मांग की है। तो वहीं पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है कि…

अयोध्या के लुत्फाबाद बिछौली स्थित योगी वीर बाबा के मंदिर के द्वार पर एक युवती का शव संदिग्ध हालत में फंदे से लटका हुआ मिला। क्या है ये? आत्महत्या या हत्या? मंदिर के द्वार पर भी जब कोई बेटी सुरक्षित नहीं हो पा रही है तो कहां होगी? क्या यह विषकाल नहीं? रघुनन्दन राम के नगरी की इस बिटिया को किसी भी हाल में इंसाफ मिलना ही चाहिये।

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वहीं एक अन्य ट्वीटर यूजर ने इस तस्वीर को इसी दावे के साथ साझा किया है ।

https://twitter.com/cibnews__/status/1680768279416303617

ट्विटरआर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने तस्वीर को देखते हुए खोज की शुरुआत की जहां पर हमें वायरल ट्वीट के नीचे अयोध्या पुलिस का स्पष्टीकरण दिखाई दिया। इसमें अयोध्या पुलिस की जानकारी के मुताबिक, यह घटना 13 जुलाई की है। जब थाना बीकापुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम लुत्फाबाद बिछौली में एक युवती द्वारा गले मे दुपट्टा लगा कर आत्महत्या कर ली गयी थी।

13 जुलाई को बीकापुर पुलिस को मृतका के पिता ने सूचना दी कि मेरी बेटी का शव गांव के बाहर फांसी पर लटका हुआ है। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों के सामने शव को बरामद कर मामले की जांच की ।

पड़ताल में पता चला कि पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया ताकि पता चल सके कि मामला हत्या से जुड़ा है या फिर आत्महत्या से। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हैंगिंग बताई गयी है।

इसके बाद पुलिस द्वारा ये स्पष्ट किया गया कि वायरल तस्वीर को गलत सन्दर्भ के साथ फैलाया जा रहा है। व तथ्यों को सोशल मीडिया पर भ्रामक तरीके से लिखा गया है,जिसका अयोध्या पुलिस खंडन करती है।

अपनी जाँच में अधिक स्पष्टीकरण के लिए फैक्ट क्रेसेंडो की टीम ने बीकापुर पुलिस से भी संपर्क साधा। इस दौरान इंस्पेक्टर राजेश कुमार रोए ने हमें यह स्पष्ट किया कि वायरल हो रही तस्वीर का सम्बन्ध बलात्कार के बाद हत्या से नहीं है। लड़की ने आत्महत्या की थी जिसके लिए अब तक मृतका के परिवार ने किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हैंगिंग बताई गयी है जिसमें हत्या का मामला नज़र नहीं आता।

मिली जानकारी से यह साफ़ हो जाता है कि तस्वीर को भ्रामक दृष्टिकोण से फैलाया जा रहा है।

निष्कर्ष-

फैक्ट क्रेसेंडो ने अपनी पड़ताल में यह पाया कि मंदिर के सामने लटकी लड़की की लाश की तस्वीर झूठे दावे से वायरल है। न तो लड़की के साथ बलात्कार हुआ और न ही उसकी हत्या की गयी है। मामला सुसाइड का है जिस पर अयोध्या पुलिस ने वायरल दावों का खंडन किया है।

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Title:अयोध्या में लड़की की आत्महत्या के मामले को हत्या और बलात्कार जैसे झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

Written By: Sarita Samal

Result: False