हाथ में खुलेआम बंदूक लेकर सड़क पर घूम रहे शख्स का वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं है, बल्कि बांग्लादेश का वीडियो है।

अभी हाल ही में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई थी। जिसको लेकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से जोड़ते हुए सोशल मंचों पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसमें एक शख्स है जो हेलमेट पहने और चेहरे पर मास्क लगाए हाथ में बंदूक लिए नज़र आ रहा है। इस शख्स को सड़क पर खुलेआम घूमते हुए दिखाया गया है। वहीं वीडियो में पीछे लोगों की आवाजों के बीच गोली चलती हुई भी सुनाई दे रही है। साथ ही इस शख्स के अलावा कुछ और लोग भी हैं जो हाथ में डंडे लेकर इधर-उधर भागते दिखाई दे रहे हैं। यूज़र्स ने यह वीडियो साझा करते हुए दावा किया है कि, पश्चिम बंगाल में सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा के दौरान एक मुस्लिम शख्स खुलेआम बंदूक लिए सड़कों पर घूम रहा है। वीडियो को इस कैप्शन के साथ देखा जा सकता है…
पश्चिम बंगाल सरकार प्रायोजित हिंसा—जिहादी खुले आम सड़कों पर असलहे के साथ हिन्दुओं हिंसा का जवाब अहिंसा नहीं और नाहि चुनाव है ” जिन्दा कौमें चुनाव का इंतजार नहीं करती, इंतजार करते करते आपका इंतकाल कर दिया जाएगा” #घात_का_जवाब_प्रतिघात_है
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो से फ्रेम्स लेकर उसे खोजना शुरु किया। परिणाम में हमें बांग्ला ट्रिब्यून के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला। यहां पर वीडियो 16 जुलाई 2024 को अपलोड किया गया था। वीडियो के लिखे कैप्शन को हिंदी में अनुवाद करने पर पता चला कि यह बांग्लादेश के चटगाँव का वीडियो है। इसी तारीख में हमें यहीं वीडियो सोमोय नैशनल जैसे बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट के हवाले से यूट्यूब पर साझा किया हुआ मिला। कैप्शन के अनुसार वीडियो चटगांव की घटना के दौरान का है यह पता चलता है।
हमें इस मामले से जुड़ी बांग्लादेशी भाषा में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इनमें द न्यूज़ की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर यह बताती है कि वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम फिरोज है, जो बांग्लादेश अवामी लीग की युवा शाखा जुबो लीग का नेता है। यह शख्स शिबिर कैडर में भी रहा है और इसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गये हैं।जबकि वीडियो उस समय का है जब चटगांव शहर में आरक्षण समर्थक एवं आरक्षण सुधार की मांग कर रहे छात्रों के गुट आपस में भिड़ गए। चटगांव के शोलाशहर स्टेशन पर दोपहर दो बजे आरक्षण समर्थक बांग्लादेशी छात्र लीग और जुबो लीग (बांग्लादेशी आवामी लीग के सहायक संगठन) से जुड़े छात्र इकट्ठा हो गए थे। वहीं मुरादपुर में आरक्षण सुधार की मांग करने वाले आंदोलनकारी भी इकट्ठे हो गए थें। तभी लीग के छात्र मुरादपुर की ओर बढ़े तो आरक्षण आंदोलनकारियों ने उन्हें पीछे हटने को मजबूर किया और इस बीच फिरोज ने गोलियां चला दी। यहां पर हम रिपोर्ट के साथ वायरल वीडियो से एक तस्वीर को साझा किया हुआ देख सकते हैं।
16 जुलाई 2024 को छपी प्रोथोम आलो की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में 3 लोग मारे गए थें। आरक्षण सुधार की मांग करने वाले प्रदर्शनकारी चटगांव के शोलाशहर रेलवे स्टेशन पर एक प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जमा हुए थे। जुबो लीग और छात्र लीग के नेता और कार्यकर्ता तय समय से काफी पहले ही मौके पर पहुंच गए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जुलूस के साथ आगे बढ़ने का प्रयास किया तो मुरादपुर में उन पर हमला हो गया।
इस घटना से जुड़ी अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी वायरल वीडियो की तस्वीर को छापा गया है। जबकि खबर के मुताबिक 16 जुलाई, 2024 को चटगांव में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थें। तभी उनकी बांग्लादेश छात्र लीग के नेताओं से झड़प हो गई थी। इस शख्स के अलावा और भी कई लोग हथियारों के साथ मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने छात्रों पर हमला किया था। छात्र लीग, बांग्लादेश अवामी लीग से जुड़ा छात्रों का ही एक संगठन है।
इसलिए हम कह सकते हैं कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के चटगांव में हुए एक प्रदर्शन के दौरान दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प से संबंधित है, जिसका पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से कोई संबंध नहीं है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से पता चलता है कि, सड़क पर हाथ में बंदूक लेकर खुलेआम घूम रहे जिस शख्स के वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है वो असल में बांग्लादेश का वीडियो है। यह वीडियो जुलाई 2024 का है जब चटगांव में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा था और इस बीच दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी। उसी समय के वीडियो को गलत आधार पर भ्रामक दावे से साझा किया जा रहा है।

Title: पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति से जोड़ कर बांग्लादेश के चटगांव में हुए एक पुराने प्रदर्शन के दौरान का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False
