तेलंगाना के वीडियो को ‘असम में एन.आर.सी बेदखली’ के रूप में फैलाया जा रहा है |

False National Political

नागरिकता संशोधन अधिनियम(CAA) का विरोध भारत के कई हिस्सों में व्यापक रूप से हो रहा है, इन विरोधों अलग अलग जगहों में पिछले कई दिनों से लगातार २४x७ प्रदर्शन चल रहा है | असम में NRC लागु हो चुकी है, जिसके चलते सोशल मीडिया पर कई बार ऐसे दावे किये गये हैं कि असम में NRC लागू होने के बाद NRC में नाम न होने के कारण लोगों को उनके घरों से निकाला जा रहा है | ऐसा की एक वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि असम पुलिस एन.आर.सी के चलते लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल रही है | 

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “हमारे मुस्लमान नेता सो रहे है नही तो वो सब भाजपा और आर.एस.एस के साथ जुड़ चुके है | एनआरसी असम में शुरू हुआ | उन्होंने अपने घरों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है | मीडिया यह सब नहीं दिखाता है और उन्हें बेच दिया गया है, इसलिए अब इस वीडियो को साझा करना हमारी जिम्मेदारी है |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल के मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें १९ दिसंबर २०१९ को सिआसत डेली की एक खबर मिली जहाँ वीडियो में दिखाए गये दृश्य की तस्वीरें उपलब्ध थी | लेख में हैदराबाद के नामपल्ली में एक एंटी-सी.ए.ए और एन.आर.सी के विरोध से संबंधित तस्वीरें थी | वीडियो में दिखाई दिये एक दृश्य को उस घटना की अन्य तस्वीरों के साथ स्लाइड करते हुए देखा जा सकता है | तस्वीर के विवरण में लिखा गया है कि- सीएए और संभावित एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सिटी पुलिस द्वारा ३००  से अधिक कार्यकर्ताओं और वाम दलों के नेताओं को गिरफ्तार किया गया था |

आर्काइव लिंक 

इसी घटना का वीडियो यूट्यूब पर सिआसत डेली के आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट द्वारा अपलोड किया गया है | इस वीडियो में हम हैदराबाद पुलिस की गाड़ी भी देख सकते है |

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो असम से नही है बल्कि वीडियो तेलंगाना का है और इसमें दिखाया गया है कि हैदराबाद पुलिस उन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर रही है जो नामपल्ली (हैदराबाद) में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे |

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Title:तेलंगाना के वीडियो को ‘असम में एन.आर.सी बेदखली’ के रूप में फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False