इन दिनों एक वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है। उसमें आप एक माता रानी की प्रतिमा को देख सकते है, बताया जा रहा है कि यह कर्नाटक के हुबली में स्थित एक माता रानी के मंदिर का दृश्य है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि उस मंदिर में एक चमत्कार हुआ है व माता की मूर्ति ने अपनी आंखे खोल ली है।

वायरल हो रहे पोस्ट के साथ दी गयी जानकारी में लिखा है,

“अद्भुत चमत्कार। कर्नाटक के हुबली मैं अम्मावरु ने अपनी आंखें खोल दी है! मां की आंखें साफ दिखाई दे रही है! जय माता दी।“

(शब्दशः)

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत व भ्रामक है। कर्नाटक स्थित हुबली में एक मंदिर में माता की मूर्ति को स्थानीय लोगों ने नकली आंख लगा दी थी व चमत्कार की झूठी अफवाह फैलाई थी।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे को गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। हमें 27 अगस्त 2019 को विजवानी नामक एक वैबसाइट पर प्रकाशित एक समाचार लेख मिला। इस लेख के मुताबिक हुबली के नल्लम्मा देवी मंदिर में देवी की मूर्ति ने आंखे खोल दी है ऐसी अफवाह फैलाई गयी थी। देवी ने आंखे खोल दी इस बात को सुनते ही मंदिर में लोगों की भीड़ जमा हो गयी थी। इस खबर को सुनकर जब पुलिस को संदेह हुआ और उन्होंने जाँच की तो पता चला कि मूर्ति पर प्लास्टिक की आंखे लगाई गयी थी। ये मंदिर रेलवे की संपत्ति पर है व अधिकारियों द्वारा इसे हटाने की योजना बनायी जा रही थी। पुलिस का मानना है कि इस वजह से लोगों ने ये अफवाह फैलाई ताकि इस मंदिर को न हटाया जाये।

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जाँच को आगे बढ़ाते हुये हमने सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया व हमें द हिंदू द्वारा 28 अगस्त 2019 में प्रकाशित समाचार लेख मिला। उसमें यह जानकारी दी गयी है कि रेलवे संपत्ति पर स्थित एक छोटे से मंदिर को बचाने के लिए, हुबली में मंटूर रोड के कुछ निवासियों ने कथित तौर पर एक "चमत्कार" बनाने की कोशिश की, जिसे अंततः पुलिस ने उजागर कर दिया।

मंटूर रोड स्थित नल्लम्मा देवी मंदिर के दर्शन करने वाले कुछ भक्तों ने यह खबर फैला दी कि देवी नल्लम्मा देवी ने "अपनी आँखें खोल दी हैं"। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। इसको देखकर कुछ लोगों को संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस को खबर कर दी। इसके बाद सादे कपड़ों में पुलिस मंदिर में पहुंची व मूर्ति को करीब से देखा और पाया कि वे वास्तव में मूर्ति पर चिपकी हुई प्लास्टिक की आंखों का एक जोड़ा था। पुलिस के मुताबिक देवी का यह मंदिर रेलवे की संपत्ति पर है व इसलिये इस मंदिर को दूसरी जगह शिफ्ट किये जाने की संभावना थी। पुलिस का कहना है कि इसी वजह से लोगों ने चमत्कार की यह अफवाह फैलायी ताकि मंदिर का स्थानांतरण रोका जा सके।

हमें यूट्यूब पर एशियानेट सुवर्ण न्यूज द्वारा 28 अगस्त 2019 को प्रसारित किया हुआ एक वीडियो मिला। इस वीडियो के शीर्षक में लिखा है, क्या चमत्कार है!? कन्नी बिट्टाला हुबली नल्लम्मा देवी

इसमें आप समाचार वक्ता को कहते हुये सुन सकते है कि, यह घटना कर्नाटक के हुबली शहर के एक गांव की है। नल्लम्मा नामक एक देवी का मंदिर है जो रेल विभाग के क्षेत्र में आता है। इसलिए विभाग के अधिकारी इस मंदिर को अपने क्षेत्र से हटाने की योजना बना रहे थे। उसी दौरान कुछ पुजारियों ने यह अफवाह फैला दी कि देवी ने अपनी आंखें खोल दी हैं, जिसके कारण देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल इस्तेमाल करना पड़ा था। पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो पाया कि आंखें प्लास्टिक की हैं जिन्हें पत्थर पर गोंद से लगाया गया था। समाचार वक्ता के मुताबिक यह हरकत मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों का मंदिर को बनाए रखने की योजना के तहत हो सकती है

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत व भ्रामक है। कर्नाटक में स्थित हुबली में एक मंदिर में माता की मूर्ति को स्थानीय लोगों ने नकली आंख लगयी थी व चमत्कार की झूठी अफवाह फैलाई थी।

तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. आतंकियों द्वारा हिंसा के दो अलग-अलग पुराने वीडियो को वर्तमान में अफगानिस्तान में हो रहे अत्याचारों का बता वायरल किया जा रहा है।

२. एटा में किसी दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास नहीं हुआ है, वायरल पोस्ट फर्जी व मनगढ़ंत हैं|

३. फैक्ट चेक- उर्फी जावेद लेखक जावेद अख्तर की पोती नहीं है|

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Title:क्या हुबली के एक मंदिर में माता रानी की मूर्ति ने यकायक अपनी आंखें खोल दीं ? जानिये सच...

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False