
गत सोमवार से पूर्वोत्तर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता कानून को लेकर कई हिंसक झड़पें हो रही हैं | इन झड़पों के चलते अब तक लगभग ३७ लोग मारे गये है जिनमें से एक पुलिस हेड कांस्टेबल व एक IB जवान शामिल हैं और लगभग ५० से अधिक लोग घायल हो चुके है |ऐसे संवेदनशील माहौल में सोशल मीडिया पर कई पुराने व असंबंधित वीडियो अपलोड किये जा रहे हैं, इन भ्रामक विडियो के माध्यम से दिल्ली की वर्तमान स्तिथि दर्शायी जा रही है | ऐसा ही विडियो जिसमें भीड़ द्वारा पुलिस की गाड़ियों पर पत्थरबाजी करते हुये देखा जा सकता है, इस वीडियो को सोशल मंचो पर दिल्ली का बताया जा रहा है और ये बोला जा रहा है कि इस प्रकरण को कोई मीडिया संगठन कवर नही कर रहा है |
इस वीडियो को पूर्व सेना अधिकारी और भाजपा के सदस्य मेजर सुरेन्द्र पूनिया ने भी इस वीडियो को दिल्ली का बताकर ट्विटर पर अपलोड किया है |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इन्विड टूल की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में १९ दिसंबर २०१९ को TV9 गुजरात द्वारा अपलोड किया गया यूट्यूब वीडियो मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “शाह-ए-आलम इलाके में एंटी-सीएए विरोध, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वैन पर पथराव किया | अहमदाबाद”
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के अनुसार मुस्लिम बहुल शाह-ए-आलम क्षेत्र में नागरिकता कानून का विरोध १९ दिसंबर, २०१९ को हिंसक हो गया था | भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था और पुलिस पर पथराव किया था जिसमें २० से अधिक पुलिस वाले घायल हो गए थे |
रिपब्लिक वर्ल्ड ने १९ दिसंबर २०१९ को इस खबर को प्रसारित किया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो वर्तमान में चल रहे दिल्ली दंगों को नही दर्शाता है | यह वीडियो गुजरात से है और दो माह पुराना है |

Title:अहमदाबाद में पुलिस पर पथराव के पुराने वीडियो को वर्तमान दिल्ली दंगों का बता फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
