
स्वामी विवेकानंद की जब भी बात होती है तो साथ ही उनके १८९३ को अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में दिये गए भाषण की चर्चा ज़रूर होती है | ये वो भाषण है जिसने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश किया | इस भाषण की शुरूवात स्वामी विवेकानंद ने “मेरे अमरीकी भाइयों और बहनों” कहके की थी | अपने भाषण में उन्होंने सहिष्णुता, भाईचारे और आम सहमति का संदेश दिया; लेकिन सांप्रदायिकता और कट्टरता का विरोध किया | ११ सितंबर, १८९३ को दिया गया भाषण, दुनिया के सबसे प्रसिद्ध भाषणों में से एक माना जाता है | इसलिए इस भाषण को लेकर उत्सुक होना स्वाभाविक है |
१ अक्टूबर २०१९ को “Sachin Kumar” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “#दुर्लभ_ओरिजनल_वीडियो ?शायद कितने ही भाई होंगे जिन्होंने आजतक हिदू ह्रदय सम्राट श्री स्वामी विवेकानंद जी को देखा भी नही होगा जिन्होंने डूबते हुए सनातन धर्म को बचाया उन्हीश्री स्वामी विवेकानंद जी का ये एक दुर्लभ वीडियो लाया हूँ स्वामी विवेकानन्द ने अमेरिका के शिकागो में 13 सितम्बर 1893 को दिया व्याख्यान | जरूर सुने |”
इस वीडियो सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो स्वामी विवेकनन्द द्वारा शिकागो में दिये गये असली भाषण की रिकॉर्डिंग है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह वीडियो १२ हज़ार प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुका था |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
वीडियो को बारीकी से जांचने के बाद, निम्नलिखित बातें सामने आती हैं जो दावे की सत्यता पर संदेह पैदा करती है
- यह वीडियो कलर रिकॉर्डिंग है |
- इस वीडियो को एक से ज्यादा कैमरा के माध्यम से शूट किया गया है |
- इस वीडियो को अलग अलग एंगल से एडिट किया गया है |
अगर दावे अनुसार यह वीडियो वास्तव में १८९३ में रिकॉर्ड किया गया है तो कलर रिकॉर्डिंग और एक से अधिक कैमरों का इस्तेमाल करने वाली बात थोड़ा अविश्वसनीय लगती है, क्योंकि विश्व का सबसे पहला वीडियो १८८८ को मेसन पल्ट मीडिया द्वारा रिकॉर्ड किया गया था जो कि ब्लैक एंड वाइट है | साथ ही विश्व का सबसे पहला कलर वीडियो एक एड्वार्दियन फोटोग्राफर द्वारा १९०२ में बनाया गया था | इन्ही वजहों के कारण १८९३ में विवेकानंद द्वारा दिये गये भाषण का इतना स्पष्ट व कलर वीडियो में मिलना थोड़ा अविश्वसनीय लगता है |
मूल रूप से पता चला कि विश्व धर्म सम्मेलन में उनके भाषणों को किसी प्रारूप में दर्ज किया जाने वाला था | न्यूज़ १८ वेबसाइट की खबर के मुताबिक, जब विवेकानंद की मूल आवाज की एक क्लिप इंटरनेट पर फैली, तो विश्व बैंक में काम करने वाले एम.एस नंजुंदैया ने श्री रामकृष्ण मठ की ‘डी वेदांत’ पत्रिका में एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि विश्व सर्व धर्म सम्मेलन में विवेकानंद के भाषण की कोई रिकॉर्डिंग नहीं है |
विवेकानंद द्वारा स्थापित रामकृष्ण मठ भी बताता है कि विवेकानंद का ध्वनि या वीडियो रिकॉर्ड मौजूद नहीं है | ‘द हिंदू’ में छपी खबर के मुताबिक, मठ ने कहा है कि विवेकानंद की आवाज या वीडियो के रूप में इंटरनेट पर उपलब्ध सभी क्लिप झूठी हैं | मैरी लुईस बुर्क ने विवेकानंद पर शोध करने के लिए १९९४ में बेलूर मठ का दौरा किया तह, इस समय, उन्होंने कहा कि शिकागो में स्वामी विवेकानंद का भाषण रिकॉर्ड नहीं किया गया था |
चेन्नई में श्री रामकृष्ण मठ ने २०११ में स्वामी विवेकानंद की आत्मकथा नामक एक फिल्म बनाई। विवेकानंद के जीवन पर आधारित, फिल्म कार्तिक एम्.पी द्वारा निर्देशित थी | मूल वीडियो में बालाजी मनोहर इस फिल्म में विवेकानंद की भूमिका निभा रहे हैं | यह फिल्म रामकृष्ण मठ की वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है, और इसे मठ के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया है | आप नीचे दिए वीडियो में विवेकानंद के भाषण को १३ मिनट ३३ सेकंड से देख सकते हैं, इस क्लिप को सोशल मीडिया पर एडिट करते हुए काटकर फैलाया जा रहा है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर जिस वीडियो को स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गये असली भाषण के वीडियो के नाम से फैलाया जा रहा है वो असल में २०११ में विवेकानंद की आत्मकथा नामक एक फिल्म का दृश्य है | १८९३ में शिकागो में दिए गए विवेकानंद के भाषण की कोई रिकॉर्डिंग नही है |

Title:मूवी के सीन को स्वामी विवेकानंद के अमेरिका में दिये भाषण का असली वीडियो बताकर वायरल किया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
