रोड पर बैठकर रोते हुए एक शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को बांग्लादेश के हालातों से जोड़ते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में एक हिन्दू पिता अपने लापता बेटे की तलाश में विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- मैं अपनी जान दे दूंगा लेकिन मुझे अपने बच्चे के लिए न्याय चाहिए। मेरा बच्चा कहां है? मैं अपने बच्चे के बारे में पूछताछ करने के लिए दर-दर भटक रहा हूं लेकिन कोई मेरी बात नहीं सुन रहा है" एक असहाय #हिंदू पिता के पास #बांग्लादेश में अपने लापता बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के कुछ तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया । परिणाम में वायरल वीडियो का लंबा वर्जन बांग्लादेश के आधिकारिक यूट्यूब चैनल समकाल न्यूज पर मिला। वीडियो को 13 अगस्त 2024 को अपलोड किया गया था। समकाल न्यूज़ द्वारा वायरल वीडियो में दिख रहे वृद्ध की इंटरव्यू ली गई है।

जानकारी के मुताबिक, शख्स का नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है और वो अपने परिवार वालों के साथ मिलकर अपने लापता बेटे के लिए प्रदर्शन कर रहा था।

इस इंटरव्यू के 6 मिनट 46 सेकंड पर वो कैमरे की तरफ अपने बेटे, अपना और बीवी का नाम लिखा लिफ़ाफ़ा दिखाते हैं। लिफ़ाफ़े पर गुमशुदा बेटे का नाम मोहम्मद सनी हवलदार लिखा है। इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि उक्त व्यक्ति हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम है।

हमने वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स औऱ न्यूज चैनल में दिख रहे शख्स का विश्लेषण किया। जिससे ये साफ हो गया कि दोनो शख्स एक ही है।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की सर्च करने पर इस घटना से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स हमें मिलीं। जिन्हें यहां, यहां और यहां पर देखा जा सकता है।

रिपोर्ट्स के अनुसार यह धरना पिछले 15 वर्षों में अवामी लीग सरकार के शासनकाल के दौरान सौ से अधिक परिवारों के लापता रिश्तेदारों को खोजने की मांग को लेकर की गई थी। प्रदर्शन में गुमशुदा लोगों के परिवारजनों ने अपने लापता रिश्तेदारों की तस्वीरें और बैनर लेकर हेयर रोड पर राष्ट्रीय गेस्ट हाउस यमुना के सामने धरना दिया था।

देश रुपंतोर चैनल द्वारा प्रकाशित रिपोर्टस के मुताबिक 13 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में लापता हुए लोगों के परिजनों ने प्रदर्शन किया था।

इस खबर के वीडियो में सीने से तस्वीर को लगाकर सड़क पर लेटे वायरल वीडियो वाले वृद्ध नजर आ रहे हैं। वीडियो में बहुत सी महिलाएं और बच्चे भी अपने-अपने परिवारजनों की तस्वीर पकड़े सड़क पर धरना प्रदर्शन करते नजर आये। वीडियो में धरने पर बैठी अधिकांश महिलाओं ने बुर्क़ा पहना हुआ है, ऐसे में हिन्दू समुदाय द्वारा किये गए धरने दावा भ्रामक है।

वहीं एएनआई ने भी वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया था। जिसके बाद एएनआई ने स्पष्टीकरण में एक पोस्ट प्रकाशित कर एक सुधार जारी किया और कहा, "नीचे दिया गया ट्वीट हटा दिया गया है क्योंकि यह व्यक्ति बांग्लादेश अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से नहीं है। त्रुटि के लिए खेद है।"

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति मुस्लिम है। बांग्लादेश में अपने लापता बेटे की तलाश में विरोध प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम व्यक्ति का वीडियो गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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Title:लापता बेटे की तलाश में विरोध प्रदर्शन कर रहे बांग्लादेशी मुस्लिम का वीडियो हिन्दू बताकर वायरल…

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False